औरंगाबाद : सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज बनेगा शिक्षा का नया केंद्र, दिसंबर से शुरू होगी AI की पढ़ाई

10 नए वोकेशनल कोर्स की मिली मंजूरी, छात्रों में उत्साह

औरंगाबाद : सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज बनेगा शिक्षा का नया केंद्र, दिसंबर से शुरू होगी AI की पढ़ाई

औरंगाबाद। शिक्षा की दुनिया में अपनी गहरी छाप छोड़ चुका सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज अब एक नए इतिहास की ओर बढ़ रहा है। कभी एक साधारण संस्थान के रूप में शुरू हुआ यह महाविद्यालय आज पूरे मगध प्रमंडल का गौरव माना जाता है। पारंपरिक पाठ्यक्रमों से लेकर आधुनिक व्यावसायिक शिक्षा तक का सफर तय करते हुए यह कॉलेज अब नए युग में कदम रखने जा रहा है।

कॉलेज की नींव उस दौर में रखी गई थी जब औरंगाबाद समेत आसपास के जिलों में उच्च शिक्षा के विकल्प बेहद सीमित थे। स्वतंत्रता सेनानी और संविधान निर्माण समिति के सदस्य सच्चिदानंद सिन्हा की स्मृति में स्थापित यह महाविद्यालय धीरे-धीरे युवाओं के सपनों का गढ़ बन गया। यहां से निकलने वाले विद्यार्थियों ने डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, प्रशासक और राजनेता बनकर देश-विदेश में अपना नाम रोशन किया।

बीते वर्षों में कॉलेज ने लगातार नए प्रयोग किए। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के साथ यहां 13 वोकेशनल कोर्स पहले से ही चल रहे थे। लेकिन इसी बीच कॉलेज प्रशासन ने शिक्षा को और मजबूत करने के लिए 10 नए वोकेशनल कोर्स की मंजूरी के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा। यह प्रक्रिया आसान नहीं थी। कई चरणों से गुजरने के बाद आखिरकार 4 सितंबर को सिन्हा कॉलेज में आयोजित विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति शशि प्रताप शाही ने आश्वस्त किया कि कॉलेज को इन कोर्सों की मंजूरी मिल जाएगी। कुलपति की इस घोषणा के बाद पूरे कॉलेज परिवार में उत्साह की लहर दौड़ गई। कुछ ही दिनों बाद सरकार से इसकी आधिकारिक स्वीकृति भी मिल गई।

स्वीकृति मिलते ही कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने शिक्षकों और कर्मियों के साथ मिठाई बांटकर इस उपलब्धि का जश्न मनाया। उन्होंने कहा कि इन 10 नए कोर्स में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी, एमएससी कंप्यूटर साइंस, एमएससी लाइब्रेरी साइंस, एमएससी इनवायरमेंटल साइंस, बीबीए और योगा स्टडीज जैसे विषय शामिल हैं।

इतना ही नहीं, दिसंबर से यहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की पढ़ाई भी शुरू होगी। यह पूरे बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि होगी, क्योंकि अब तक राज्य में AI की पढ़ाई का कोई सेंटर मौजूद नहीं है। यह संभव हो सका है राज्यसभा के सभापति हरिवंश की पहल और कुलपति के सहयोग से।

डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा का मानना है कि नए कोर्स और AI की पढ़ाई की शुरुआत से न सिर्फ कॉलेज बल्कि पूरे जिले की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा – “सिन्हा कॉलेज हमेशा से शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। अब यहां के छात्र-छात्राओं को रोजगार और शोध के बेहतरीन अवसर मिलेंगे। यह कदम औरंगाबाद को शिक्षा की राजधानी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। आज सिन्हा कॉलेज आधुनिक भवनों, डिजिटल कक्षाओं और प्रयोगशालाओं से लैस है। कभी एक छोटे संस्थान के रूप में शुरू हुआ यह महाविद्यालय अब बिहार की शैक्षणिक धरोहर के रूप में उभर चुका है। नए कोर्सों की मंजूरी और AI की पढ़ाई की शुरुआत ने इसे फिर से सुर्खियों में ला दिया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि सिन्हा कॉलेज सिर्फ एक कॉलेज नहीं, बल्कि औरंगाबाद की पहचान और गौरव है।

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BIHAR - JHARKHAND

 

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