राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पितृपक्ष मेले में पहुंचकर किया पिंडदान
गयाजी। गयाजी में चल रहे विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले के बीच आज एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ, जब देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मोक्षभूमि गयाजी पहुंचीं। राष्ट्रपति ने यहां विष्णुपद मंदिर और फल्गु नदी के तट पर स्थित अक्षयवट स्थल पर पितरों के मोक्ष की कामना करते हुए पिंडदान और तर्पण किया। उन्होंने सबसे पहले भगवान विष्णु चरण का दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर गया जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती की गई और जिला प्रशासन की पूरी टीम व्यवस्था में लगी रही।
राष्ट्रपति का पैतृक गांव ओडिशा के मयूरगंज जिला अंतर्गत ऊपर बेड़ा है। वहां के पिंडदानी परिवार का बही-खाता गयापाल पंडा राजेश लाल कटरियार के पास मौजूद है। वही राष्ट्रपति के पितरों का पंडा भी हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू परंपरा के अनुसार विष्णुपद मंदिर, फल्गु और अक्षयवट में पिंडदान-श्राद्ध का अनुष्ठान पूरा कर रही हैं।
इतिहास में यह पहला अवसर है जब देश की कोई राष्ट्रपति पद पर रहते हुए गयाजी पहुंचकर पितरों के मोक्ष हेतु पिंडदान कर रही हैं। इससे पहले राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह अपने कार्यकाल के दौरान गयाजी आए थे, लेकिन उन्होंने केवल दर्शन किए थे। वहीं, उपराष्ट्रपति रहते हुए आर. वेंकटरमन ने पिंडदान अनुष्ठान किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह कदम पूरे देश में पितृभक्ति और आस्था का अद्भुत संदेश दे रहा है। गयाजी के पितृपक्ष मेले में दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच आज का दिन ऐतिहासिक बन गया है।
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