पवन सिंह की बीजेपी में घर वापसी, शाहाबाद की 22 सीटों पर पड़ेगा असर
पटना। भोजपुरी इंडस्ट्री के सुपर स्टार और गायक-एक्टर पवन सिंह की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में वापसी हो गई है। बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने साफ कहा है कि “पवन सिंह बीजेपी में थे और रहेंगे।” इस बयान के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चल रही अटकलों पर विराम लग गया है।
मंगलवार को दिल्ली में बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से उनके आवास पर मिले। माना जा रहा है कि इस मुलाकात का मकसद पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा के बीच रिश्तों में आई खटास को दूर करना था।
इससे पहले सोमवार को पवन सिंह ने तावड़े और ऋतुराज सिन्हा से अलग से भेंट की थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पवन सिंह आरा विधानसभा सीट से एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। पवन की वापसी से शाहाबाद क्षेत्र की चार जिलों—भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर—की 22 विधानसभा सीटों पर एनडीए को सीधा फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीति में सक्रियता दिखाते हुए पवन सिंह ने हाल ही में बिजनेस टायकून अशनीर ग्रोवर के रियलिटी शो ‘राइज एंड फॉल’ से खुद को अलग कर लिया था। शो छोड़ते वक्त उन्होंने कहा था कि “मेरी जनता ही मेरा भगवान है और चुनाव के समय मेरा फर्ज है कि मैं उनके बीच रहूं।” उनके इस बयान को राजनीति में सक्रिय भागीदारी की ओर पहला संकेत माना गया।
पवन सिंह का राजनीति से पुराना नाता है। 2024 लोकसभा चुनाव में उन्होंने काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोकी थी। इस सीट से एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन जीत महागठबंधन के हिस्से गई। पवन के निर्दलीय चुनाव लड़ने से काराकाट के साथ-साथ बक्सर और सासाराम में भी असर देखा गया था, जहां बीजेपी उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा।
कुछ दिन पहले ही पवन सिंह ने आरा में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता आरके सिंह से भी मुलाकात की थी। आरके सिंह ने तब कहा था कि पवन सिंह को बीजेपी में शामिल होना चाहिए। अब पवन की वापसी से यह स्पष्ट है कि पार्टी ने उन्हें चुनावी रणनीति में अहम जगह दी है।
About The Author
