झारखंड: स्कूल ऑफ एक्सीलेंस होंगे दोगुने, 26 हजार शिक्षकों की होगी नियुक्ति

झारखंड: स्कूल ऑफ एक्सीलेंस होंगे दोगुने, 26 हजार शिक्षकों की होगी नियुक्ति

रांची। झारखंड में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने के उद्देश्य से सरकार ने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस (एसओई) की संख्या दोगुनी करने की योजना बनाई है। वर्तमान में राज्यभर में 80 एसओई चल रहे हैं, जिन्हें पहले चरण में बढ़ाकर 160 किया जाएगा। यह निर्णय राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने एक विशेष बातचीत के दौरान साझा किया।

स्कूलों का चयन और आधारभूत संरचना

शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूलों का चयन उनके बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा, इन स्कूलों के लिए नई आधारभूत संरचना विकसित की जाएगी। अगले दो वर्षों में 160 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके बाद संख्या और बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।

सीबीएसई पैटर्न पर 5000 स्कूल

सरकार 5000 स्कूलों को सीबीएसई पैटर्न पर विकसित करने की भी योजना बना रही है। इन स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें लागू की जाएंगी, और सिलेबस में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषाओं के साथ झारखंड से संबंधित विषयों को शामिल किया जाएगा।

सिलेबस का अध्ययन और सुधार

एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है, जो पश्चिम बंगाल के सिलेबस का अध्ययन करेगी और अगले 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर झारखंड के लिए नया सिलेबस तैयार किया जाएगा। इस संबंध में सीबीएसई से सहमति भी ली जा चुकी है।

शिक्षकों की नियुक्ति और समस्याओं का समाधान

राज्य में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसके समाधान के बाद अतिरिक्त 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूलों में शिक्षकों पर अतिरिक्त कार्यों का दबाव है, जिसे हल करने के लिए नई नियुक्तियां महत्वपूर्ण हैं।

शिक्षा सुधार पर सरकार की प्रतिबद्धता

मंत्री ने यह भी कहा कि पूर्व की सरकारों ने शिक्षकों और कर्मियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया, जिससे शिक्षा विकास बाधित हुआ। अब प्रमंडल स्तर पर कमेटी गठित कर इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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