हाई कोर्ट ने जारी किया आदेश: दिल्ली कोचिंग हादसे की होगी सीबीआई जांच
दिल्ली। दिल्ली के राजेंद्र नगर में हाल ही में हुए कोचिंग हादसे को लेकर हाई कोर्ट ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। हाई कोर्ट ने इस घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का निर्णय लिया है। कोर्ट का मानना है कि इस हादसे में सरकारी कर्मचारियों का भ्रष्टाचार भी शामिल हो सकता है, इसलिए इसकी जांच एक स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए। 27 जुलाई की शाम को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में हुई इस दर्दनाक घटना में तीन छात्रों की जान चली गई थी। भारी बारिश के दौरान राव आईएएस कोचिंग के बेसमेंट में स्थित लाइब्रेरी में कई छात्र पढ़ाई कर रहे थे। अचानक तेज रफ्तार से गुजरने वाली एक एसयूवी कार की वजह से उठी लहर ने कोचिंग के गेट को तोड़ दिया और बेसमेंट में पानी भरने लगा। छात्रों के पास बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था और इसी वजह से तीन छात्रों की मौत हो गई।
हाई कोर्ट का आदेश
इस हादसे के बाद कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई जांच की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित किया जाएगा और इसके लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को आदेश दिया गया है। नामित अधिकारी यह सुनिश्चित करेगा कि जांच समय पर पूरी हो और इसमें कोई देरी न हो। इस हादसे के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कई कोचिंग संस्थानों को सील कर दिया और कई जिम्मेदार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। हालांकि, हादसे में शामिल एसयूवी कार के चालक को सेशन कोर्ट से जमानत मिल गई है, जबकि बाकी के आरोपी अभी भी जेल में हैं।
कोचिंग संस्थान का मुआवजा
हादसे के बाद राव आईएएस कोचिंग ने मृतक छात्रों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। कोचिंग के वकील ने बताया कि 25 लाख रुपये तुरंत दिए जाएंगे और बाकी 25 लाख रुपये कोचिंग के सीईओ अभिषेक की जेल से रिहाई के बाद दिए जाएंगे।
सवालों के घेरे में कोचिंग संस्थान और प्रशासन
इस हादसे ने कोचिंग संस्थानों और प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्थाओं और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर लोगों में आक्रोश है। यह हादसा एक स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे सुरक्षा मानकों की अनदेखी और प्रशासनिक भ्रष्टाचार जानलेवा साबित हो सकते हैं।
भविष्य की दिशा
हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि सीबीआई इस मामले की तह तक पहुंचेगी और दोषियों को सजा दिलाएगी। यह हादसा एक चेतावनी है कि सुरक्षा और पारदर्शिता को कभी भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उम्मीद है कि इस जांच से कोचिंग संस्थानों और प्रशासनिक तंत्र में सुधार आएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। इस घटना ने कोचिंग संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्थाओं और सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। कोर्ट के आदेश से उम्मीद है कि इस मामले की सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।