बिहार राज्यसभा चुनाव: उपेंद्र कुशवाहा और मनन मिश्रा का निर्विरोध चयन तय, सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में नामांकन
पटना। बिहार की राजनीतिक गलियारों में आज उस समय एक नया अध्याय जुड़ गया जब एनडीए ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के रूप में उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा का नामांकन किया। पटना में आयोजित इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी ने इसे और भी खास बना दिया। दोनों नेताओं का निर्विरोध चुना जाना तय है, जिससे एनडीए की राज्यसभा में ताकत और बढ़ जाएगी।
राजनीतिक समीकरणों का नया खेल: कुशवाहा और मिश्रा की उम्मीदवारी
राज्यसभा की दो सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत 14 अगस्त से हुई थी, और आज 21 अगस्त को नामांकन की अंतिम तारीख थी। एनडीए ने अपने पत्ते खोलते हुए उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा को उम्मीदवार बनाया। खास बात यह है कि जहां कुशवाहा का नाम पहले से तय माना जा रहा था, वहीं मनन मिश्रा की उम्मीदवारी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। बीजेपी द्वारा मनन मिश्रा का नाम आगे लाकर यह स्पष्ट कर दिया गया कि पार्टी अपने चुनावी समीकरणों को लेकर सतर्क है और हर कदम सोच-समझकर उठा रही है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति और एनडीए के वरिष्ठ नेताओं की भागीदारी
नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सहित एनडीए के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। यह नामांकन केवल एक औपचारिकता नहीं थी, बल्कि यह भी दिखाता है कि एनडीए की बिहार में बढ़ती हुई पकड़ को और मजबूत किया जा रहा है। उपेंद्र कुशवाहा का कार्यकाल 2 साल का होगा जबकि मनन कुमार मिश्रा का कार्यकाल 4 साल का रहेगा।
राज्यसभा में एनडीए की बढ़ती ताकत
राज्यसभा में बिहार से कुल 16 सीटें हैं, जिनमें से 14 सीटों पर अभी सांसद हैं और 2 सीटें खाली हैं। एनडीए के पास वर्तमान में 8 सीटें हैं, जबकि इंडिया गठबंधन के पास 6 सीटें हैं। उपेंद्र कुशवाहा और मनन मिश्रा के निर्विरोध चुने जाने के बाद, एनडीए की सीटों की संख्या बढ़कर 10 हो जाएगी, जिससे राज्यसभा में उसकी स्थिति और भी मजबूत हो जाएगी।
खाली सीटों का इतिहास और राजनीतिक महत्व
आरजेडी की मीसा भारती और बीजेपी के विवेक ठाकुर के लोकसभा सदस्य बनने के बाद राज्यसभा की ये 2 सीटें खाली हुई थीं। विवेक ठाकुर 2020 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे, और उनका कार्यकाल 2026 तक था। वहीं, मीसा भारती 2022 में राज्यसभा की सदस्य बनी थीं, जिनका कार्यकाल 2028 तक था। इन सीटों पर अब उपेंद्र कुशवाहा और मनन मिश्रा की नियुक्ति होने जा रही है, जिससे बिहार की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं।
चुनावी प्रक्रिया: नामांकन से मतगणना तक
राज्यसभा चुनाव की नामांकन प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू हुई थी, और आज अंतिम दिन दोनों उम्मीदवारों ने नामांकन किया। स्क्रूटनी 22 अगस्त को होगी, और 27 अगस्त को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख तय की गई है। यदि आवश्यक हुआ तो 3 सितंबर को वोटिंग होगी और उसी दिन मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
बिहार में राजनीतिक माहौल: एनडीए और इंडिया गठबंधन की रणनीति
इस चुनावी प्रक्रिया के बाद एनडीए की बढ़ती ताकत को लेकर बिहार की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। बीजेपी और जदयू के बीच की मजबूत गठजोड़ ने राज्यसभा में एनडीए की स्थिति को और भी सशक्त बना दिया है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन भी अपनी रणनीति पर विचार कर रहा है ताकि आने वाले चुनावों में अपनी पकड़ को बरकरार रख सके।
निष्कर्ष: बिहार की राजनीति में एनडीए की मजबूत पकड़
उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा के राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने जाने से यह साफ हो गया है कि बिहार की राजनीति में एनडीए की पकड़ और मजबूत हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में हुआ यह नामांकन कार्यक्रम इस बात का प्रतीक है कि एनडीए आने वाले समय में और भी बड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है। अब देखना यह होगा कि इन नए राजनीतिक समीकरणों का बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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