बिहार: एक लाख तीस हजार जीविका दीदियां कॉम्फेड से जुड़ेंगी, पशुपालन को मिलेगा बढ़ावा
पटना। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) और बिहार राज्य ग्रामीण आजीविका प्रोत्साहन मिशन (जीविका) के बीच एकरारनामा हुआ है, जिसके तहत 1,30,000 जीविका दीदियों को कॉम्फेड से जोड़ा जाएगा।
कॉम्फेड-जीविका समझौता: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
पटना स्थित कॉम्फेड कार्यालय में आयोजित बैठक में कॉम्फेड के प्रबंध निदेशक राज कुमार, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हिमांशु शर्मा और राज्य प्रमुख राकेश कुमार समेत कई अधिकारी शामिल हुए। बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने और महिलाओं को सहकारिता के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत बनाने पर चर्चा हुई।
जीविका दीदियों को कॉम्फेड से जोड़ने की योजना
समझौते के तहत—
- पशुपालन से जुड़े स्वयं सहायता समूहों को कॉम्फेड की दुग्ध समितियों से जोड़ा जाएगा।
- जहां कॉम्फेड की समितियां नहीं हैं, वहां नई समितियों का गठन किया जाएगा।
- समूह की महिलाओं को दुग्ध उत्पादन, प्रबंधन और विपणन से जोड़ा जाएगा।
- जीविका द्वारा सर्वेक्षण कर उन महिलाओं की सूची बनाई जाएगी, जो पशुपालन में रुचि रखती हैं।
महिला सशक्तिकरण को मिलेगी नई दिशा
इस पहल से—
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
- महिलाएं दुग्ध उत्पादन से आत्मनिर्भर बनेंगी।
- मुख्यमंत्री के महिला सशक्तिकरण अभियान को गति मिलेगी।
सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए एसओपी तैयार
बैठक में मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) निर्धारित की गई, ताकि इस योजना को सुनियोजित तरीके से लागू किया जा सके। कॉम्फेड और जीविका के संयुक्त प्रयास से पशुपालन को एक स्थायी आय के स्रोत के रूप में विकसित किया जाएगा। यह पहल बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
About The Author
