अब हर नए स्मार्टफोन में अनिवार्य होगा साइबर सेफ्टी एप, सरकार ने जारी किया नया निर्देश

90 दिनों के भीतर नए नियम को लागू करने का निर्देश

अब हर नए स्मार्टफोन में अनिवार्य होगा साइबर सेफ्टी एप, सरकार ने जारी किया नया निर्देश

हर नए स्मार्टफोन में साइबर सुरक्षा एप ‘संचार साथी’ पहले से इंस्टॉल रहेगा

नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ते साइबर अपराध और मोबाइल फ्रॉड पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब देश में बनने और बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में साइबर सुरक्षा एप ‘संचार साथी’ पहले से इंस्टॉल रहेगा। यह एप डिलीट या बंद नहीं किया जा सकेगा। सरकार ने एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो, शाओमी समेत सभी प्रमुख स्मार्टफोन ब्रांड्स को 90 दिनों के भीतर नए नियम को लागू करने का निर्देश दिया है। पुराने फोन में यह एप योजनाबद्ध तरीके से सॉफ्टवेयर अपडेट के ज़रिए जोड़ा जाएगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार आदेश अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, बल्कि चुनिंदा कंपनियों को निजी तौर पर भेजा गया है। इसका मुख्य उद्देश्य फर्जी IMEI, साइबर फ्रॉड, फोन चोरी और डिजिटल ठगी पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना है।

‘संचार साथी’ क्या करेगा?

यह एप साइबर सेफ्टी टूल के तौर पर केंद्र सरकार द्वारा जनवरी 2025 में लॉन्च किया गया था। पहले यह वैकल्पिक रूप से डाउनलोड करने के लिए उपलब्ध था, लेकिन अब इसे स्मार्टफोन का अनिवार्य हिस्सा बनाया जा रहा है।

एप की प्रमुख उपयोगिताएँ —

  • संदिग्ध कॉल, संदेश या चैट की रिपोर्टिंग

  • IMEI से फोन की सुरक्षा जांच

  • चोरी व खोए फोन को ब्लॉक कराने में सहायता

  • नेटवर्क और फ्रॉड अलर्ट

सरकार का दावा है कि एप की मदद से अब तक 22 लाख से अधिक मोबाइल डिवाइसों को ट्रेस किया जा सका है।

कंपनियों के लिए चुनौती भी, लेकिन यूज़र्स को सीधा फायदा

नई व्यवस्था फोन उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा कवच की तरह होगी, लेकिन वैश्विक कंपनियों के लिए तकनीकी-पॉलिसी चुनौतियाँ भी खड़ी कर सकती है। खासतौर पर एपल के लिए स्थिति कठिन मानी जा रही है, क्योंकि उसकी सिस्टम पॉलिसी सरकारी या थर्ड-पार्टी एप को प्री-इंस्टॉल करने की अनुमति नहीं देती। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि नियम लागू करने को लेकर भविष्य में सरकार और कंपनियों के बीच बातचीत हो सकती है।

दूसरी ओर यूज़र लेवल पर फायदा साफ है —

  • चोरी होने पर फोन तुरंत ब्लॉक होगा

  • साइबर फ्रॉड शिकायतें दर्ज करना आसान

  • IMEI क्लोनिंग के मामलों में कमी

कुछ प्राइवेसी ग्रुप्स एप को डिलीट न कर पाने पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन सरकार के अनुसार राष्ट्रीय डिजिटल सुरक्षा और साइबर नियंत्रण के लिए यह कदम अत्यावश्यक है।

साइबर सुरक्षा में नया अध्याय

देश में 1.2 अरब से अधिक मोबाइल उपयोगकर्ता हैं और भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार बन चुका है। लगातार बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड के बीच यह फैसला टेलीकॉम सुरक्षा को नई दिशा देने वाला मील का पत्थर माना जा रहा है। आने वाले समय में संचार साथी एप में AI आधारित फ्रॉड मॉनिटरिंग, लोकेशन बेस्ड सिक्योरिटी और डिजिटल पहचान सुरक्षा जैसे फीचर्स जोड़े जा सकते हैं।

Views: 24
Tags:

About The Author

Aman Raj Verma Picture

Journalist

BIHAR - JHARKHAND