पीएम मोदी पहुंचे नालंदा, किया नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन

पीएम मोदी पहुंचे नालंदा, किया नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन

नालंदा. लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद आज नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर से बिहार पहुंचे। बिहार पहुंचने के बाद वह सीधे गया एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर के जरिए नालंदा यूनिवर्सिटी पहुंचे। यहां उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दिखे। पीएम मोदी ने इस दौरान पौधारोपण भी किया।

इतनी जल्दी पुनः यहाँ आना मेरा सौभाग्य 

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे तीसरे कार्यकाल की शपथ ग्रहण करने के बाद, पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है। ये मेरा सौभाग्य तो है ही, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के लिए एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं। नालंदा, ये केवल नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, नालंदा मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा है उद्घोष इस सत्य का, कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं। नालंदा के ध्वंस ने भारत को अंधकार से भर दिया था। अब इसकी पुनर्स्थापना भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत करने जा रही है।

बिहार को दी बधाई

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि अपने प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नवजागरण, ये नया कैंपस, विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा। नालंदा बताएगा- जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं, वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं। और साथियों- नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है। इसमें विश्व के, एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है। एक यूनिवर्सिटी कैंपस के उद्घाटन में इतने देशों का उपस्थित होना, ये अपने-आप में अभूतपूर्व है। नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में हमारे साथी देशों की भागीदारी भी रही है। मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का, आप सभी का, अभिनंदन करता हूं। मैं बिहार के लोगों को भी बधाई देता हूं। बिहार अपने गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है, नालंदा का ये कैंपस उसी की एक प्रेरणा है।

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पीएम ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि नालंदा, कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था। नालंदा का अर्थ है- ‘न अलम् ददाति इति 'नालंदा' अर्थात्, जहां शिक्षा का, ज्ञान के दान का अविरल प्रवाह हो! शिक्षा को लेकर, एजुकेशन को लेकर, यही भारत की सोच रही है। शिक्षा, सीमाओं से परे है, नफा-नुकसान के नजरिए से भी परे है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है, और उसे आकार देती है। प्राचीन नालंदा में बच्चों का एड्मिशन उनकी पहचान, उनकी nationality को देखकर नहीं होता था। हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे। नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है। और मुझे ये देखकर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से यहां स्टूडेंट्स आने लगे हैं। यहां नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है।

पीएम ने प्राचीन नालंदा विव का किया मुआयना 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहरों को देखा। इस दौरान वह बारिकी से हर चीज की जानकारी ले रहे थे। इस दौरान उनकी गाइड पटना सर्किल हेड गौतमी भट्टाचार्या बनीं।

यह रहे मौजूद 

कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र अरलेकर,  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश राज्य मंत्री पबित्र, उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, सम्राट चौधरी, मंत्री श्रवन कुमार, विजय चौधरी, विभिन्न देशों के Excellencies, एंबेसडर्स, नालंदा यूनिवर्सिटी के वीसी, प्रोफेसर्स, स्टूडेंट्स आदि उपस्थित रहे.

उद्घाटन करने बाद रवाना

उद्घाटन और समारोह को संबोधित करने के बाद दिल्ली लौट गए। श्री मोदी राजगीर से हेलीकॉप्टर से गया हवाई अड्डा के लिए रवाना हुए। इसके बाद गया हवाई अड्डा से वह विशेष विमान के जरिए दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गए। वह बुधवार सुबह ही वाराणसी से बिहार आये थे।

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साकेत कुमार, BJMC 

उप-सम्पादक

सोन वर्षा वाणी 

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