औरंगाबाद: दो अलग-अलग हादसों में दो लोगों की डूबकर मौत, एक नहर में गिरा तो दूसरा तालाब में फिसलकर हुआ हादसे का शिकार

 औरंगाबाद: दो अलग-अलग हादसों में दो लोगों की डूबकर मौत, एक नहर में गिरा तो दूसरा तालाब में फिसलकर हुआ हादसे का शिकार

औरंगाबाद। बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज इलाके में दो अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। ये हादसे एक ही दिन में हुए, जहां एक व्यक्ति नहर में गिरकर अपनी जान गंवा बैठा, तो दूसरा तालाब में डूब गया। इन घटनाओं से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

पहला हादसा: नहर में गिरने से मौत

पहली घटना रफीगंज के महाराजगंज इलाके की है, जहां भोला साहू के 35 वर्षीय बेटे धर्मेंद्र साव की नहर में गिरने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र साव अपने गांव चरकावां भइयां बिगहा की ओर गए थे, जब यह हादसा हुआ। चलते-चलते अचानक उनका पैर फिसल गया और वे नहर में गिर गए। आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्हें नहर से निकालकर रफीगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया। हालांकि, वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

दूसरा हादसा: तालाब में फिसलकर डूबे व्यक्ति की मौत

दूसरी घटना चरकावां विष्णुपुरी तालाब की है, जहां 40 वर्षीय सुरेश रिकियासन की तालाब में डूबने से मौत हो गई। सुरेश रात को किसी काम से मंदिर की ओर गए थे, जब यह हादसा हुआ। परिजनों के अनुसार, रात में उन्होंने घर वापस न लौटने पर उनकी काफी खोजबीन की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। सुबह के समय ग्रामीणों ने तालाब में सुरेश का शव उपलाता हुआ देखा और उसे बाहर निकाला।

परिवार की स्थिति और सामाजिक प्रभाव

धर्मेंद्र साव की मौत के बाद उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। धर्मेंद्र अपने परिवार का भरण-पोषण रिक्शा चलाकर करते थे। उनकी मृत्यु से परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। उनके तीन बेटे और एक बेटी है, जिनके भविष्य की चिंता अब पूरे गांव को सता रही है। दूसरी ओर, सुरेश रिकियासन की मौत से उनके परिवार में शोक की लहर है। सुरेश की कोई संतान नहीं थी, और उनकी पत्नी इस हादसे के बाद पूरी तरह से टूट चुकी है। ग्रामीणों ने उनके परिवार को ढांढस बंधाया, लेकिन यह हादसा उनके जीवन में एक गहरी छाप छोड़ गया है।

सामाजिक प्रतिक्रियाएं और सुरक्षा के प्रति जागरूकता

इन दोनों घटनाओं ने रफीगंज इलाके में सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर किया है। नहरों और तालाबों के किनारे सुरक्षा उपायों की कमी और बारिश के मौसम में फिसलन भरी परिस्थितियों ने इन हादसों को और भी खतरनाक बना दिया है। ग्रामीणों और प्रशासन को मिलकर इन समस्याओं का समाधान खोजने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके। औरंगाबाद के रफीगंज में हुए इन दो अलग-अलग हादसों ने परिवारों के जीवन में अकल्पनीय दुख ला दिया है। धर्मेंद्र साव और सुरेश रिकियासन की मौत से उनके परिवारों को अपूरणीय क्षति हुई है। इन घटनाओं ने एक बार फिर से सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया है। प्रशासन और स्थानीय समुदाय को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

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साकेत कुमार, BJMC 

उप-सम्पादक

सोन वर्षा वाणी 

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