जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद : प्रमोद कुमार सिंह
औरंगाबाद। जिले में बढ़ती अपराधिक घटनाओं को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रा) के प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार सिंह ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस संबंध में श्री सिंह ने गुरुवार को एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि सत्येंद्र नगर में जेवर दुकान में हुई लूट औरंगाबाद की पुलिसिया व्यवस्था पर न सिर्फ करारा तमाचा है बल्कि यह उनकी अक्षम कार्यशैली का उदाहरण है। घटना से दस दिन पूर्व ही एसपी ने स्वर्ण व्यवसायों की सुरक्षा को लेकर बैठक की थी और उन्हे हर तरह की सुविधा देने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन वह आश्वासन बकवास साबित हुआ और अपराधियों ने इतनी बड़ी घटना को हथियार के बल पर अंजाम देकर पूरी पुलिसिया गस्ती पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। ऐसी घटना से यही समझा जा सकता है कि जिले में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। स्थिति यह हो गई है कि रात तो दूर अब दिन में भी लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बैंक से पैसे निकालकर घर जाने वाले इस बात को लेकर सशंकित रहते है कि वे पैसे लेकर सही सलामत घर पहुंच पाते है या नही। ऐसे में छिनतई की घटना घट जाती है तो थाने में पीड़ित की शिकायत न सुनकर उसे ही कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है। स्थिति काफी अराजक हो चुकी है और आम जनता ,व्यवसाई अब अपनी सुरक्षा को लेकर भगवान भरोसे हैं। प्रमोद सिंह ने कहा कि अभी हाल में ही कासमा रोड में रात्रि के 9 बजे पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता मड़न बिगहा निवासी रमेश सिंह और उनके साथ रहे मित्र छिनतई का शिकार हो गए और दो बाइक पर सवार छह अपराधी हथियार के बल पर 14 हजार नगद, सोने की सिकड़ी, घड़ी आदि छीन ले गए। वही शिवगंज बहलोला रोड में भी एक पत्रकार के साथ भी सड़क लुटेरों ने छिनतई की कोशिश की लेकिन वह होने से बाल बाल बच गया, क्योंकि उसके पास कुछ नहीं था। पत्रकार ने बताया कि 5 से 7 की संख्या में हथियारबंद अपराधी अपना तांडव मचा रहे थे। श्री सिंह ने कहा कि पुलिस पदाधिकारी हों या अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी रात तो दूर दिन में भी फोन नही उठाते तो शिकायत किससे की जाय। जिले में एक प्रचलित कहावत लागू हो रही है कि सैयां भए कोतवाल तब डर काहे का। श्री सिंह ने महागठबंधन की सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो सुशासन बाबू गुड गवर्नेंस की बात करते नही अघाते थे आज उनका राज्य बैड गवर्नेंस का उदाहरण बन चुका है। जबसे महागठबंधन की सरकार सत्ता में आई है न सिर्फ अपराध चरम सीमा पर है बल्कि अफसर भी बेलगाम हो गए हैं। हो भी क्यों न क्योंकि राज्य के मुखिया और उप मुखिया का ध्यान अपनी स्वार्थ सिद्धि की ओर है। विपक्षी एकता के नाम पर राज्य की शासनिक व्यवस्था का चाचा और भतीजा मिलकर बंटाधार कर रहे हैं। उन्होंने 23 जून को आयोजित विपक्षियों की बैठक पर भी तल्ख टिप्पणी देते हुए कहा कि यह बैठक दिखावा मात्र है। इसमें जनहित से जुड़े समस्याओं का ना कोई निराकरण निकलेगा ना ही समाधान।
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