सासाराम में कफ्र्यू का तीसरा दिन, 4० घंटे से इंटरनेट बंद
सासाराम। नालंदा के बिहारशरीफ और रोहतास के सासाराम में रामनवमी जुलूस के दौरान शुक्रवार को हिसा को तीन दिन गुजर चुके हैं, लेकिन हालात अब भी सामान्य नहीं हुए हैं। बिहारशरीफ में शनिवार की शाम दोबारा हिसा भड़क उठी। दो पक्षों के बीच कई राउंड फायरिग हुई, जिसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। शहर में पिछले तीन दिन से धारा 144 लागू है। शांति बनाए रखने के लिए सासाराम और बिहारशरीफ में पुलिसबल की 18 कंपनी तैनाती की गई हैं। सासाराम में शनिवार पूरे दिन शांति के बाद शाम में बम धमाके से लोग फिर से दहशत में आ गए। स्थानीय नगर थाना क्षेत्र के शेरगंज मोहल्ले में शनिवार रात हुए बम धमाके में लगभग आधा दर्जन लोग घायल हो गए। जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस घटना का हिसा से कोई लेना-देना नहीं है। विस्फोटकों की गलत हैं डलिग के कारण धमाका हुआ। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। डीएम ने बताया कि जिले में निषेधाज्ञा लागू नहीं है। अफवाहों को रोकने के लिए केवल इंटरनेट सेवा बंद है। बिहारशरीफ और सासाराम में रामनवमी के अगले दिन शुक्रवार को हुए उपद्रव और तनाव के बाद प्रशासन द्बारा एहतियातन कारणों से इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया। हिसा की घटना को 4० घंटे से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन इंटरनेट सेवा अब भी बहाल नहीं हुई है। इसे लेकर स्थानीय लोग शुक्रवार की रात से लेकर रविवार को भी परेशान हैं। इससे जहां व्यापारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है, वहीं आमजन को भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इंटरनेट सेवा बंद रहने से ऑनलाइन लेन-देन करने के लिए फोन का उपयोग नहीं कर पाने के चलते व्यापार पर भी असर देखने को मिल रहा है। अब अधिकांश लोग फोन के माध्यम से ही राशि का लेन-देन करते हैं। रविवार को छुट्टी के बावजूद दुकानों पर सन्नाटा सा ही नजर आया। इंटरनेट बंद होने से छात्रों को भी काफी दिक्क्तों का समाना करना पड़ रहा है। सासाराम में युवा समूह बनाकर औरंगाबाद की सीमा पर नासरीगंज में काव नदी के किनारे इंटरनेट चलाने जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों के अनुसार, उन्हें नेट पर वैकेंसी देखने व अन्य फार्म नहीं भराने के कारण से परेशानी उठानी पड़ रही है। कफ्र्यू के कारण बिहारशरीफ में लोग घरों में कैद हो गए हैं। कई महिलाओं ने कहाकि मोबाइल में नेट नहीं चलने के चलते घरों में बैठे-बैठे उनका दिन काटना मुश्किल हो रहा है। बच्चे भी खेलने के लिए बाहर नहीं जा पा रहे हैं।
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