RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव लगातार 11वीं बार स्थिर रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखी
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद ब्याज दरों को 6.5% पर स्थिर रखा। यह लगातार 11वीं बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस फैसले से लोन महंगे नहीं होंगे और ईएमआई पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इस निर्णय का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है। रेपो रेट वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है।
पिछली बार फरवरी 2023 में हुआ था बदलाव
फरवरी 2023 में रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी कर इसे 6.5% किया गया था। उसके बाद से अब तक इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक हर दो महीने में होती है। इस बार की बैठक 4 से 6 दिसंबर तक चली, जिसमें यह फैसला लिया गया।
MPC के सदस्य और उनकी भूमिका
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में छह सदस्य होते हैं। इनमें केंद्रीय बैंक के तीन शीर्ष अधिकारी—गवर्नर शक्तिकांत दास, डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजीव रंजन शामिल हैं। इसके अलावा तीन बाहरी विशेषज्ञ सदस्य राम सिंह, सौगत भट्टाचार्य और नागेश कुमार हैं। इनका चयन सरकार द्वारा किया गया है।
कोविड के बाद ब्याज दरों का सफर
- मार्च 2020 से अक्टूबर 2020: कोरोना के दौरान RBI ने दो बार में रेपो रेट में 0.40% की कटौती की थी।
- 2022 से 2023: कोरोना के बाद की आर्थिक सुधारों के दौरान रेपो रेट में 1.10% की बढ़ोतरी की गई।
- वर्तमान दर: रेपो रेट फरवरी 2023 से 6.5% पर स्थिर है।
EMI पर नहीं पड़ेगा असर
RBI के इस फैसले का सीधा फायदा लोन धारकों को मिलेगा। रेपो रेट स्थिर रहने से बैंक भी लोन की ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेंगे। इसका मतलब यह है कि होम लोन, पर्सनल लोन और अन्य ऋणों की ईएमआई नहीं बढ़ेगी।
आर्थिक स्थिरता बनाए रखने पर फोकस
RBI ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि वर्तमान में मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और अर्थव्यवस्था की स्थिरता को बनाए रखना प्राथमिकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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