रांची: खेलगांव में आठवीं मंजिल से गिरकर लेफ्टिनेंट कर्नल की संदिग्ध मौत, पुलिस जांच में जुटी

रांची: खेलगांव में आठवीं मंजिल से गिरकर लेफ्टिनेंट कर्नल की संदिग्ध मौत, पुलिस जांच में जुटी

रांची। के खेलगांव आवासीय परिसर में सोमवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां लेफ्टिनेंट कर्नल दिवाकर सिंह (48) की आठवीं मंजिल से गिरकर संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। उनका शव पार्किंग एरिया में खून से लथपथ पड़ा मिला। स्थानीय लोगों ने सुबह करीब 6:15 बजे इसकी सूचना परिजनों को दी, जिसके बाद पुलिस को भी जानकारी दी गईखेलगांव थाना प्रभारी योगेश कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेज दिया। दिवाकर सिंह की तैनाती नामकुम में थी। उनकी पत्नी सोनिका सिंह के बयान पर पुलिस ने संदेहास्पद स्थिति में मौत (यूडी केस) दर्ज किया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि यह हादसा था, आत्महत्या थी या फिर किसी साजिश का हिस्सा। थाना प्रभारी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि उनकी मौत कैसे हुई।

पत्नी बोलीं- रात में कब छत पर गए, किसी को पता नहीं चला

मूल। रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा के निवासी दिवाकर सिंह खेलगांव आवासीय परिसर में अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहते थे। पत्नी सोनिका सिंह ने बताया कि शाम को वे छत पर गए थे। रात में उन्होंने फोन कर दिवाकर को खाने के लिए बुलाया। करीब 10 बजे उन्होंने परिवार के साथ खाना खाया और फिर अपने कमरे में चले गए। पत्नी और बेटी भी सो गईं। लेकिन रात में वे दोबारा कब छत पर चले गए, इसका किसी को पता नहीं चला। सुबह लोगों ने पार्किंग एरिया में उनका शव देखा, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

रांची यूनिवर्सिटी से कर रहे थे मास्टर इन जर्नलिज्म

लेफ्टिनेंट। कर्नल दिवाकर सिंह सिर्फ सेना के अधिकारी ही नहीं थे, बल्कि वे शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय थे। वे रांची यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ मॉस कम्युनिकेशन से मास्टर इन जर्नलिज्म (एमजे) कर रहे थे। उनके बैच (2022-24) के साथी छात्रों ने बताया कि वे क्लास में काफी सक्रिय रहते थे और अन्य छात्रों को अपने अनुभवों से मार्गदर्शन देते थे। उनकीअचानक मौत से उनके सहपाठी और शिक्षक सदमे में हैंफिलहाल पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। घटनास्थल पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिससे आत्महत्या के संकेत मिलें। अब तक की जांच में किसी पर आरोप नहीं लगाया गया है। पुलिस दिवाकर के मोबाइल फोन और अन्य पहलुओं की गहनता से जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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