औरंगाबाद: चैती छठ पर्व का आगाज मंगलवार से, 5 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना
मंगलवार। से नहाए-खाए के साथ चार दिवसीय चैती छठ पर्व का आगाज होगा, जिसमें देव स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में देशभर से श्रद्धालु पहुंचेंगे। श्रद्धालु सूर्यकुंड तालाब में स्नान कर सूर्य की आराधना करेंगे। इस वर्ष लगभग 5 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। मेले का उद्घाटन प्रभारी मंत्री संतोष कुमार सुमन करेंगे, और भूमि एवं राजस्व सुधार मंत्री संजय सरावगी मुख्य अतिथि होंगे।श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। करीब 2 लाख श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए व्यवस्था की गई है। राजा जगन्नाथ उच्च विद्यालय, हाजी नगर, मस्जिद रोड, संत विजय दास धर्मशाला और बहुआरा मोड़ पर आवास की व्यवस्था की गई है। यहां सभी आवास स्थलों पर टेंट, लाइटिंग, जनरेटर और दरी की सुविधा उपलब्ध होगी।
सुरक्षा और निगरानी
मेला परिसर में अस्थाई मेडिकल कैंप लगाया जाएगा, और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। मेला क्षेत्र के बाहर 48 ड्रॉप गेट बनाए गए हैं, और वाहनों की पार्किंग के लिए अलग से स्थान निर्धारित किए गए हैं।इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर दंडाधिकारियों के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ड्रोन कैमरे से मेला की निगरानी की जाएगी।देव सूर्य मंदिर, जो करीब साढ़े नौ लाख साल पुराना है, का निर्माण काले पत्थरों को तराशकर किया गया था। मंदिर की बनावट उड़ीसा के मंदिरों से मेल खाती है। मंदिर के सबसे ऊपर कमल के आकार का गुंबद है, जिस पर सोने का कलश स्थापित है। मंदिर की संरचना ऐसी है कि वह कई भूकंपों को सहन कर चुका है, लेकिन इसका संतुलन अभी तक बरकरार है।
भगवान सूर्य की तीन स्वरूपों वाली प्रतिमा
मंदिर के मुख्य पुजारी सुभाष चंद्र पाठक के अनुसार, यहां भगवान सूर्य की तीन स्वरूपों वाली प्रतिमा जीवंत है, और श्रद्धालु जो भी मांगते हैं, उन्हें वह प्राप्त होती है। यह मंदिर सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि देश की पौराणिक धरोहर भी है। मंदिर के संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार और जनता दोनों की है, और इसे विश्व धरोहर में शामिल करने की जरूरत है।मान्यतयहां पूजा करने से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें जीवन की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
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