औरंगाबाद में पानी की विकट समस्या: चार महीनों से वार्ड 9-16 के लोग परेशान, डीएम कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन
औरंगाबाद। औरंगाबाद के वार्ड 9-16 में पानी की कमी ने लोगों की जीवनशैली को अस्त-व्यस्त कर दिया है। नगर परिषद की ओर से टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन यह अस्थायी व्यवस्था भी पूरी तरह से विफल होती दिख रही है। शहर के इस क्षेत्र में रहने वाले लोग पिछले चार महीनों से पानी की गंभीर समस्या का सामना कर रहे हैं। पानी की इस विकट समस्या के विरोध में वार्ड 9 और 16 के सैकड़ों लोग, बाल्टी और बर्तन लेकर डीएम कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए जोरदार नारेबाजी की और तत्काल समाधान की मांग की।
जमीनी हालात
धर्मेंद्र कुमार, रीना देवी, मुन्नी खातून, और नकमुल हुदा जैसे कई प्रदर्शनकारियों ने बताया कि भीषण गर्मी के मौसम में पानी की कमी ने उनकी जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। पिछले चार महीनों से वे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे उनके बच्चों का स्कूल जाना और घर का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है।
धर्मेंद्र कुमार ने कहा, "हमारे बच्चे समय पर स्कूल नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि पानी की कमी की वजह से सुबह के कामकाज में देरी हो जाती है।"
रीना देवी ने कहा, "घर के सभी काम ठप हो गए हैं। पीने के पानी के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।"
प्रशासन का जवाब
नगर परिषद अध्यक्ष उदय गुप्ता ने बताया कि शहर में टैंकर और अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि भूतल पर पानी का स्तर काफी नीचे चला गया है और 200-250 फीट बोरिंग होने के बाद भी पानी नहीं निकल रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि एक से दो दिनों में वार्ड 9 और 16 में फिर से बोरिंग कराया जाएगा ताकि पानी की समस्या का समाधान हो सके। यह स्थिति न केवल प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि प्राकृतिक संसाधनों के अनुचित प्रबंधन के कारण आम जनता को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जल संकट का यह मुद्दा भविष्य में और भी गंभीर हो सकता है यदि तत्काल और दीर्घकालिक उपाय नहीं किए गए। शहर के लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता दें और स्थायी समाधान के लिए उचित कदम उठाएं।
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