पटना। बिहार में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। राजधानी पटना सहित नालंदा, गोपालगंज, छपरा समेत करीब 20 जिलों में दिनभर घना कोहरा छाया रहा, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। ठंड और कम दृश्यता को देखते हुए प्रशासन और मौसम विभाग दोनों ही अलर्ट मोड में आ गए हैं। घने कोहरे और बढ़ती ठंड के कारण पटना जिला प्रशासन ने स्कूलों की समय-सारिणी में बदलाव किया है। नए आदेश के तहत अब सभी स्कूलों में कक्षाएं सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक संचालित होंगी। हालांकि, जिन कक्षाओं में प्री-बोर्ड या बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं, वे अपने पूर्व निर्धारित समय पर ही होंगी। यह आदेश 19 से 25 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा। वहीं, सारण जिले में स्थिति को गंभीर मानते हुए कक्षा 1 से 10वीं तक के सभी स्कूलों को 21 दिसंबर तक बंद कर दिया गया है।
कोहरे ने सड़क और रेल यातायात को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। बीते 24 घंटे में अलग-अलग जिलों में हुए हादसों में सात लोगों की मौत हो चुकी है। दरभंगा में एक कार नहर में गिरने से नर्सिंग होम संचालक समेत तीन लोगों की जान चली गई। जमुई में ट्रक की चपेट में आने से दो युवकों की मौत हो गई, जबकि गोपालगंज में बस और ट्रक की टक्कर में चालक की जान चली गई। कटिहार में घने कोहरे के बीच हुए सड़क हादसे में एक छात्र की मौत दर्ज की गई। रेलवे ट्रैक पर भी कोहरे का खतरा दिखा। बगहा के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में कटिहार से दिल्ली जा रही चंपारण हमसफर एक्सप्रेस जंगली भैंस से टकरा गई। हालांकि बड़ा हादसा टल गया, लेकिन घटना ने रेलवे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
मौसम विभाग ने आज 19 जिलों में कोहरे का यलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटे में पटना समेत 26 जिलों में घने कोहरे को लेकर रेड अलर्ट घोषित किया गया है, जबकि अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट रहेगा। विभाग का अनुमान है कि 21 दिसंबर से प्रदेश में शीतलहर का असर और तेज हो सकता है और 23 दिसंबर तक हालात बने रहेंगे।
कोहरे का असर हवाई और रेल यातायात पर भी साफ दिखा। कम दृश्यता के कारण 8 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि 34 फ्लाइट देरी से रवाना हुईं। इसके अलावा 14 ट्रेनें अपने निर्धारित समय से काफी देर से पहुंचीं। इधर, बढ़ते वायु प्रदूषण पर पटना हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने राज्य सरकार और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब मांगा है कि प्रदूषण के वास्तविक कारण क्या हैं और विभिन्न स्रोतों का इसमें कितना योगदान है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि केवल वाहनों से इतना अधिक प्रदूषण संभव नहीं है कि लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो।
ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार से अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आईजीआईएमएस, पीएमसीएच और अन्य बड़े अस्पतालों में सर्दी, सांस और एलर्जी से जुड़े मरीजों की भीड़ देखी जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है। कुल मिलाकर बिहार में ठंड, कोहरा और प्रदूषण ने मिलकर हालात चुनौतीपूर्ण बना दिए हैं, जिसको लेकर आने वाले दिनों में और सतर्कता बरतने की जरूरत है।
