झारखंड के दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन, गंगाराम अस्पताल में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली/रांची। झारखंड के इतिहास में एक युग का अंत हो गया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और राज्य आंदोलन के अगुआ दिशोम गुरु शिबू सोरेन का रविवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में सुबह 8:56 बजे अंतिम सांस ली।
86 वर्षीय शिबू सोरेन पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें किडनी में संक्रमण और ब्रोंकाइटिस की शिकायत थी। तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली लाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी हालत और भी ज्यादा खराब हो गई। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।
शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, वे झारखंड के आदिवासी समाज की आवाज थे। उन्होंने झारखंड को एक अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लंबा संघर्ष किया। इसी संघर्ष की नींव पर उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की और हजारों युवाओं को आंदोलन से जोड़ा।
अलग राज्य बनने के बाद शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने और केंद्र में कोयला मंत्री जैसे अहम पदों पर भी कार्य किया। उनका राजनीतिक जीवन संघर्ष, सादगी और आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई से भरा रहा।
झारखंड में उन्हें “दिशोम गुरु” (आदिवासी समुदाय के नेता) के रूप में पूजा जाता है। उनका निधन न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है।
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