अपहरण मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा

औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला

अपहरण मामले में चार दोषियों को उम्रकैद की सजा

औरंगाबाद। आज औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में एडिजे-5 उमेश प्रसाद ने जम्होर थाना कांड संख्या 101/95, एस.टी.आर-288/96 में सुनवाई करते हुए चार अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह फैसला सजा के बिंदु पर 03 दिसंबर 2024 को हुई सुनवाई के बाद सुनाया गया।

दोषियों को मिली सजा और जुर्माना

एपीपी शिवपूजन प्रजापति ने बताया कि दोषी रामवचन पाल, अनील सिंह, राजेश पासवान और मुनारिक राम को भारतीय दंड संहिता की धारा 364/ए (हत्या के इरादे से अपहरण) के तहत उम्रकैद और 10,000 रुपये जुर्माने की सजा दी गई है। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में दोषियों को एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

मामले का पूरा घटनाक्रम

प्राथमिकी सूचक गुप्तेश्वर सिंह ने 24 जुलाई 1995 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया था कि उनके ईंट-भट्ठे की देखभाल उनका बेटा उमेश कुमार करता था। एक दिन, भट्ठे पर आए एक व्यक्ति ने उन्हें सूचित किया कि ओबरा थाना के छोटा बाबू ने बुलाया है। जब वे सरसोली गांव पहुंचे, तो पीछे से एक जीप आई। अभियुक्तों ने दौड़कर उन्हें पकड़ा, उनके हाथ बांध दिए और धमकी दी कि 24 घंटे के भीतर 50,000 रुपये नहीं देने पर उनके बेटे की हत्या कर दी जाएगी।

न्याय की प्रक्रिया

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने जानकारी दी कि इस मामले में अभियुक्तों पर 20 अप्रैल 1997 को आरोप तय किए गए थे। मामले के एक अन्य अभियुक्त कपूर धोबी की मृत्यु हो चुकी है, जबकि एक अन्य अभियुक्त रामवचन सिंह का मामला अलग चल रहा है।

अंतिम फैसला और सजा की प्रक्रिया

03 दिसंबर 2024 को चारों अभियुक्तों को दोषी ठहराने के बाद अदालत ने उनका बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया। न्यायालय ने अपने फैसले में समाज में कानून और न्याय की स्थापना का मजबूत संदेश दिया।

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BIHAR - JHARKHAND

 मैं पिछले 7 वर्षों से बिहार और झारखंड में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत हूँ। इस दौरान, मैंने पत्रकारिता के हर पहलू को गहराई से समझा है और इस क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई है। बिहार और झारखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक घटनाओं पर गहरी नजर रखते हुए, मैंने इन दोनों राज्यों के विभिन्न मुद्दों को उजागर करने और लोगों तक सही और प्रामाणिक जानकारी पहुँचाने का प्रयास किया है।पत्रकारिता के इस सफर में, मैंने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन हर बार मैंने उन्हें एक अवसर के रूप में लिया और अपने कार्य को न केवल एक जिम्मेदारी बल्कि एक सेवा के रूप में निभाया है। मेरा लक्ष्य हमेशा से ही यही रहा है कि जनता को सत्य और निष्पक्ष खबरें प्रदान की जाएं, ताकि वे जागरूक और सूचित रहें। मैंने इस दौरान कई महत्वपूर्ण घटनाओं को कवर किया है, और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की है। 

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