गया में पुलिस की लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई: तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड, बदमाश के इशारे पर की गई छापेमारी का मामला
गया। गया जिले में एक विवादास्पद घटना के बाद, जिले के एसएसपी आशीष भारती ने तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इनमें दो सब-इंस्पेक्टर (एसआई) अमित कुमार सिंह और अजीत कुमार सिंहा, और एक महिला पुलिस अधिकारी, प्रशिक्षु रीना कुमारी शामिल हैं। यह कार्रवाई चंदौती गांव के एक घर में अवैध कारतूस बरामद करने के मामले में उनकी कथित लापरवाही और गैर-पेशेवर आचरण के चलते की गई है।
मामले की शुरुआत: पीड़ित का पक्ष
घटना की शुरुआत तब हुई जब पीड़ित पक्ष साहिर इमाम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने 19 तारीख की रात को वाजितपुर निवासी सद्दाम के इशारे पर उनके घर में छापेमारी की। साहिर इमाम के अनुसार, छापेमारी के दौरान सद्दाम ने पुलिस की मौजूदगी में घर में एक पैकेट छिपाया, जिसमें 9MM के 20 जिंदा कारतूस थे। इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग भी घरवालों ने की, जिसमें पुलिस और सद्दाम के बीच की गतिविधियों को कैद किया गया। इस वीडियो के आधार पर पीड़ित पक्ष ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की जांच और कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद एसएसपी आशीष भारती ने मामले की जांच एडिशनल एसपी और डीएसपी विधि व्यवस्था को सौंप दी। जांच में पाया गया कि छापेमारी के दौरान सद्दाम की भूमिका संदिग्ध थी। इसके बावजूद, सद्दाम को गिरफ्तार कर सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। जांच में यह भी सामने आया कि छापेमारी के दौरान बरामद सामग्री की सही जानकारी उच्च अधिकारियों को समय पर नहीं दी गई थी। पुलिसकर्मियों ने काफी विलंब से विधि-सम्मत कार्रवाई शुरू की, जिससे उनकी कर्तव्य के प्रति लापरवाही स्पष्ट होती है। इस आधार पर एसएसपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है।
साजिश का शक और आगे की जांच
इस मामले में सद्दाम की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए, पुलिस ने उसके खिलाफ जांच जारी रखी है। सूत्रों के मुताबिक, सद्दाम और उसके सहयोगियों ने जमानत मिलने के बाद जश्न भी मनाया, जिससे शक की स्थिति और गहरा गई है। कहा जा रहा है कि इस पूरी घटना के पीछे एक साजिश रची गई थी, जिसमें पुलिसकर्मियों की मिलीभगत हो सकती है।
समुदाय की प्रतिक्रिया और कानून व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने गया जिले में पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समुदाय के लोग इस बात से चिंतित हैं कि पुलिसकर्मी किस तरह बदमाशों के इशारे पर काम कर सकते हैं। इस घटना ने पुलिस विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया है।
आगे की कार्रवाई और पुलिस सुधार की दिशा
एसएसपी आशीष भारती ने स्पष्ट किया है कि इस मामले की जांच गहराई से की जाएगी और दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पुलिसकर्मियों से पेशेवर आचरण बनाए रखने और कानून का पालन करने की अपील की है। गया जिले की इस घटना ने एक बार फिर दिखाया है कि कैसे कानून के रखवाले ही कानून का उल्लंघन कर सकते हैं। इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई से यह स्पष्ट होगा कि क्या पुलिस में सुधार की जरूरत है और कैसे इसे लागू किया जाएगा।
About The Author
