उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़, 50 से अधिक मौतें और 150 से ज्यादा घायल

 उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़, 50 से अधिक मौतें और 150 से ज्यादा घायल

उत्तर प्रदेश।{हाथरस }उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से एक भयानक हादसा हुआ। इस हादसे में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गई और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। हादसे के बाद का दृश्य बेहद भयावह था, जहां अस्पताल के बाहर जमीन पर लाशें बिखरी पड़ी थीं। शवों और घायलों को टैंपो में लादकर अस्पताल ले जाया गया।

हादसे की भयावहता

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) उमेश त्रिपाठी के अनुसार, हाथरस से 27 शव एटा लाए गए हैं, जिनमें 25 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं। बाकी शव CHC सिंकदराराऊ में हैं। शवों के पंचनामा की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। इस सत्संग में 20 हजार से अधिक लोग उपस्थित थे।

हादसे का स्थान और कारण

यह हादसा फुलरई गांव में हुआ। घटना के बाद, घायलों और मृतकों को जैसे-तैसे बस और टैंपों में लादकर अस्पताल पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को घटनास्थल पर रवाना कर दिया है। हादसे की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम गठित की गई है।

सरकारी अस्पताल फुल, प्राइवेट अस्पताल रिजर्व किए गए

हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के बाद स्थिति बेहद नाजुक हो गई है। हादसे के बाद एक साथ इतने घायल पहुंचे कि सरकारी अस्पतालों की क्षमता पूरी तरह से भर गई है। सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) के बाहर कुछ लोग तड़पते हुए नजर आए, क्योंकि अस्पतालों में उन्हें तुरंत उपचार नहीं मिल पा रहा था। हाथरस प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए तुरंत प्राइवेट अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है। सभी प्राइवेट अस्पतालों को बेड रिजर्व रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि घायलों को समय पर उपचार मिल सके। अब घायलों को प्राइवेट अस्पतालों में ले जाया जा रहा है, जिससे सरकारी अस्पतालों पर भार कम हो सके।मौके पर हालात पूरी तरह से बेकाबू हैं। हर कोई भीड़ और लाशों के बीच अपने परिजनों को तलाशने में व्यस्त है। लोगों के चेहरों पर चिंता और भय स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

घटना के बाद की स्थिति

घायल लोगों की भारी संख्या के कारण, अस्पताल के बाहर लोगों को जमीन पर ही लिटाकर इलाज शुरू किया गया। इतनी बड़ी संख्या में घायलों के आने से अस्पतालों में भारी अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

भगदड़ का कारण

सत्संग समाप्त हो चुका था और लोग एक साथ बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। हॉल छोटा था और गेट भी पतला, जिससे भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, जिसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इस भगदड़ के कारण 150 से अधिक लोग घायल हो गए।

भोले बाबा की पृष्ठभूमि

भोले बाबा, जिनका असली नाम नारायण साकार हरि है, एक प्रसिद्ध सत्संगकर्ता हैं। वह एटा जिले की पटियाली तहसील के गांव बहादुर के रहने वाले हैं। उन्होंने 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर प्रवचन शुरू किया था। उनका दावा है कि वे गुप्तचर ब्यूरो में नौकरी करते थे। उनके अनुयायी पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में बड़ी संख्या में हैं।यह हादसा एक दुखद और गंभीर घटना है, जिसने कई परिवारों को गहरा सदमा दिया है। सरकार और प्रशासन को इस मामले की गहन जांच कर, दोषियों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इस समय घायलों का उचित उपचार और मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सीएम योगी ने जताया दुख

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की घटना पर गहरा दुख जताया है। इस हादसे में 50 से अधिक लोगों की मौत और 150 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी घायलों को उचित और समय पर चिकित्सा सहायता मिले। सीएम योगी ने संबंधित अधिकारियों को हर संभव मदद देने और दुर्घटना की व्यापक जांच कराने के आदेश भी दिए हैं। सीएम योगी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि सभी घायलों का उचित उपचार सुनिश्चित किया जाए। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने अस्पतालों में आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने को कहा है। हाथरस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने भीड़ नियंत्रण और राहत कार्यों के लिए तत्परता से काम शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, राहत कार्यों में तेजी आई है और अधिकारियों ने घायलों और उनके परिवारों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।

 

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साकेत कुमार, BJMC 

उप-सम्पादक

सोन वर्षा वाणी 

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