औरंगाबाद: मारपीट मामले में 72 घंटे बाद भी गिरफ्तारी नहीं, सत्येंद्र नगर में उग्र प्रदर्शन
औरंगाबाद। शहर के मदरसा रोड स्थित ठाकुर राजनाथ सिंह कॉम्प्लेक्स में 3 जुलाई को हुई मारपीट की घटना को लेकर 72 घंटे बाद भी मुख्य आरोपी और नामजद लोगों की गिरफ्तारी नहीं होने से शहर में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। घायल दुकानदार मृत्युंजय सिंह, मनोज सिंह, कृष्ण सिंह और बिट्टू सिंह का अब तक इलाज चल रहा है, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता को लेकर आमजन में भारी रोष है। रविवार को सत्येंद्र नगर मोहल्ले में आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि यह सिर्फ मारपीट नहीं, बल्कि पूर्व नियोजित हत्या की साजिश थी, जिसे जिला प्रशासन मामूली घटना की तरह नजरअंदाज कर रहा है। घायल दुकानदार मृत्युंजय सिंह ने बताया कि घटना के बाद शहर में भय का माहौल है। घटना का मास्टरमाइंड अमीर राजा, जो बनारसी ऑटो के मालिक का बेटा है, लगातार अन्य आरोपियों के संपर्क में है, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करने में विफल रही है।
मुखिया संघ के अध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह ने इस मामले को लेकर पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि “1918 के दंगे में निर्दोष होते हुए भी हमें जेल जाना पड़ा था, लेकिन आज जब असली आरोपी सामने है तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग इस घटना को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आम लोगों ने समय रहते इसे रोक दिया। रामनवमी समिति के संयोजक शशांक शेखर उर्फ आशु ने कहा कि “घटना के समय किसी भी दूसरे समुदाय के व्यक्ति ने घायलों की मदद नहीं की। यह इंसानियत के खिलाफ है।” उन्होंने सभी दुकानदारों को सुरक्षा देने की मांग की और कहा कि यदि प्रशासन की लापरवाही जारी रही तो शहर का वातावरण खराब हो सकता है।
कार्टून हटाने को लेकर शुरू हुआ था विवाद
3 दिन पहले एक कार्टून हटाने को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद 40-50 की संख्या में एक गुट ने लाठी-डंडे से एक समुदाय के दुकानदारों पर हमला कर दिया। चार दुकानदार गंभीर रूप से घायल हो गए थे। नगर थाना में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई थी, लेकिन अब तक आरोपी खुलेआम अपना दुकान चला रहे हैं और पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि यदि प्रशासन ने जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की तो यह आंदोलन बड़े स्तर पर होगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। लोगों ने पुलिस की निष्क्रियता को लोकतंत्र और न्याय व्यवस्था के लिए शर्मनाक बताया।
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