एनएच-139 के चौड़ीकरण को लेकर औरंगाबाद डीएम की बड़ी पहल, पूर्ण खंड को 4-लेन में तब्दील करने की मांग
औरंगाबाद। जिले के डीएम श्रीकांत शास्त्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-139 (एनएच-139) के संपूर्ण हिस्से को चार लेन (4-लेन) में अपग्रेड करने के लिए एक बड़ी पहल की है। उन्होंने पथ निर्माण विभाग, बिहार के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर इस राजमार्ग को पूरी तरह से चौड़ा करने की सिफारिश की है, ताकि जनता को सुरक्षित, तेज़ और निर्बाध आवागमन की सुविधा मिल सके।
क्यों ज़रूरी है फोर लेन में तब्दील करना?
एनएच-139 एक अत्यंत महत्वपूर्ण और व्यस्त राष्ट्रीय राजमार्ग है, जो झारखंड के पलामू जिले से शुरू होकर बिहार के औरंगाबाद, अरवल होते हुए पटना तक जाता है। यह न केवल दो राज्यों को जोड़ता है, बल्कि औद्योगिक, खनिज, वाणिज्यिक और यातायात के लिहाज़ से भी बेहद अहम है।
झारखंड के पलामू से लेकर औरंगाबाद के कुटुंबा प्रखंड के पोला तक का फोर लेनिंग कार्य अंतिम चरण में है। लेकिन इसके आगे का हिस्सा – जो औरंगाबाद, दाउदनगर, ओबरा और अरवल जिलों से होकर गुजरता है – अभी भी दो लेन का ही है, जो भारी ट्रैफिक और बढ़ती दुर्घटनाओं के लिहाज से अपर्याप्त है।
ट्रैफिक और दुर्घटनाओं के आंकड़े चिंताजनक
2024 में किए गए ट्रैफिक सर्वे के अनुसार, एनएच-139 पर दैनिक यातायात दबाव 18,077 पीसीयू (Passenger Car Unit) दर्ज किया गया है, जबकि भारत सरकार के मानकों के अनुसार 4-लेन के लिए 15,000 पीसीयू की सीमा पर्याप्त मानी जाती है।
पिछले 6 महीनों में औरंगाबाद व अरवल जिलों में 44 जानलेवा हादसे और 27 गंभीर रूप से घायल होने के मामले दर्ज किए गए हैं। यह आंकड़े इस पथ पर चौड़ीकरण की तत्काल आवश्यकता को दर्शाते हैं।
अब तक कहां-कहां को मिली है मंजूरी?
वर्तमान में सरकार द्वारा केवल नौबतपुर बाजार चौड़ीकरण, अरवल बाईपास, दाउदनगर बाईपास, और औरंगाबाद बाईपास जैसे सीमित हिस्सों के 4-लेन मार्ग के लिए ही स्वीकृति दी गई है। लेकिन ट्रैफिक दबाव और दुर्घटनाओं की गंभीर स्थिति को देखते हुए पूरे एनएच-139 मार्ग को 4-लेन में तब्दील करना अत्यावश्यक है।
जिला प्रशासन की मांग
डीएम श्रीकांत शास्त्री ने राज्य सरकार से डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) के आधार पर पूरे मार्ग की फोर लेनिंग के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इससे न केवल जनता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि क्षेत्र में व्यापारिक, औद्योगिक और यातायात विकास को भी नया आयाम मिलेगा।
यह पहल आने वाले समय में एनएच-139 को एक सुरक्षित और सशक्त जीवनरेखा में बदल सकती है, जिससे बिहार और झारखंड दोनों राज्यों को सीधा लाभ मिलेगा।
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