औरंगाबाद: यूथ कांग्रेस ने चलाया 'शिक्षा न्याय संवाद', छात्रों के हक में बोले नेता, सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

औरंगाबाद: यूथ कांग्रेस ने चलाया 'शिक्षा न्याय संवाद', छात्रों के हक में बोले नेता, सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

औरंगाबाद।  औरंगाबाद में यूथ कांग्रेस की ओर से ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों के अधिकार, शिक्षा, रोजगार और उनके भविष्य से जुड़े मुद्दों को केंद्र में लाना था। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री सह विधायक कुंवर निषाद और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री योगेंद्र साहू ने छात्रों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं।

कार्यक्रम का आयोजन नाट्य कला मंच, कर्मा भगवान के समीप किया गया, जहां विधायक कुंवर निषाद पहुंचे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी छात्रों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन मौजूदा सरकार छात्रों और युवाओं के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं की भारी कमी है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही। 

निषाद ने बताया कि कर्मा भगवान गांव स्थित कर्पूरी कल्याण छात्रावास में संवाद कार्यक्रम होना था, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। बाद में छात्रों को दूसरी जगह बुलाकर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसी क्रम में झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साहू ने डॉ. भीमराव अंबेडकर कल्याण छात्रावास और अनुग्रह नारायण छात्रावास पहुंचकर छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। उन्होंने शिक्षा, नौकरी और भागीदारी जैसे अहम मुद्दों पर छात्रों से बात की और उनकी राय जानी।

कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं ने दो टूक कहा कि बिहार में छात्रों के साथ धोखा किया जा रहा है। नेताओं ने डबल इंजन की सरकार को युवाओं का दुश्मन बताया। उन्होंने कहा कि 50% आरक्षण की सीमा हटाकर दलित, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुपात में शिक्षा और नौकरियों में हिस्सेदारी दी जानी चाहिए।

नेताओं ने अनुच्छेद 15(5) को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की, ताकि प्राइवेट संस्थानों और नौकरियों में भी इन वर्गों को आरक्षण मिल सके। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि एससी-एसटी फंड के 8800 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है, जो दलितों और आदिवासियों के शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए था।

कांग्रेस नेताओं ने सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि ज्यादातर स्कूलों में कंप्यूटर तक नहीं हैं, जिससे आधुनिक शिक्षा बच्चों तक नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर प्रखंडों में डिग्री कॉलेज नहीं हैं, विश्वविद्यालयों में स्थायी शिक्षक और डिजिटल लाइब्रेरी की भी भारी कमी है। नियमित कक्षाएं नहीं चलतीं, ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सिर्फ एक सपना बनकर रह गया है।

कांग्रेसी नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि राइट टू एजुकेशन कांग्रेस की देन है और इसी आधार पर केजी से पीजी तक की शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए। लेकिन वर्तमान सरकार छात्रों को कर्ज में डुबोकर पढ़ाई करवा रही है, जिससे बाद में नौकरी न मिलने की स्थिति में उनका जीवन और भी कठिन हो जाता है।कार्यक्रम में औरंगाबाद सदर विधायक आनंद शंकर सिंह समेत कई अन्य स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। छात्र-छात्राओं की बड़ी भागीदारी और उत्साह ने कार्यक्रम को सफल और प्रभावशाली बनाया।

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BIHAR - JHARKHAND