औरंगाबाद: समाहरणालय के बड़ा बाबू पर जमीन कब्जा कराने का आरोप, दलित बस्ती के लोगों ने किया आक्रोश मार्च
औरंगाबाद। जिले के दानी बिगहा दलित बस्ती के सैकड़ों लोगों ने सोमवार को जिला समाहरणालय के स्थापना शाखा में पदस्थापित प्रधान सहायक योगेंद्र पासवान के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला। आक्रोशित लोग दानी बिगहा से नारेबाजी करते हुए शहर के रमेश चौक पहुंचे और वहां से समाहरणालय की ओर कूच कर गए। समाहरणालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और अपने गुस्से का इजहार किया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि योगेंद्र पासवान प्रशासनिक दबाव बनाकर उन्हें उनकी पुश्तैनी जमीन से बेदखल करना चाहते हैं। उनका कहना था कि पासवान बार-बार पुलिस बुलाकर डराने और धमकाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि उन्हें धमकी दी जा रही है कि कहीं भी जाओ, तुम्हारी कोई सुनवाई नहीं होगी।
प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने बताया कि वे लोग वार्ड नंबर दो, दानी बिगहा में पिछले 80 वर्षों से रह रहे हैं। उनका आरोप है कि योगेंद्र पासवान ने 6 डिसमिल जमीन पर मकान बना लिया है और उसी के बगल में बसे दलित परिवारों को वहां से हटाकर जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि पासवान अपने ऊंचे संपर्कों का हवाला देकर दबाव बनाते हैं और पुलिस भेजकर डराने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि वे सभी लोग दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं और यदि उन्हें हटाया गया तो वे बेघर हो जाएंगे। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन से जमीन वापस दिलाने और सुरक्षा देने की मांग की।
इस पूरे मामले पर जब प्रधान सहायक योगेंद्र पासवान से बात की गई, तो उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह विवाद बेबुनियाद है और उन्होंने स्वयं ही पूरे मामले की जांच के लिए आवेदन दिया है। पासवान का कहना है कि जिन लोगों ने उन पर आरोप लगाए हैं, उन्हें पहले ही इंदिरा आवास योजना के तहत घर मिल चुका है और दूसरा आवास भी स्वीकृत हो चुका है। इसके अलावा उन्हें भूमि का पर्चा भी मिला है, लेकिन निर्माण कार्य किसी दूसरी जगह किया जा रहा है, जो जांच का विषय है। उन्होंने यह भी बताया कि दानी बिगहा इलाके में सड़क पर अतिक्रमण का मामला चल रहा है और बेवजह विवाद को तूल दिया जा रहा है।
फिलहाल जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराने की बात कही है, ताकि सच सामने आ सके और किसी भी निर्दोष को नाजायज परेशानी न हो। इधर, बस्ती के लोगों में इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी बनी हुई है और वे जल्द न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
About The Author
