औरंगाबाद: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर न्यायाधीशों ने किया योगाभ्यास

औरंगाबाद: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर न्यायाधीशों ने किया योगाभ्यास

औरंगाबाद। जिला विधिक सेवा प्राधिकार(डीएलएसए) एवं औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय के संयुक्त तत्वावधान में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष राज कुमार के नेतृत्व में शनिवार को डीएलएसए के विधिक सेवा सदन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस दौरान परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सत्य भूषण आर्या, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विश्व विभूति गुप्ता, अशोक कुमार गुप्ता, लक्ष्मीकांत मिश्रा, निशित दयाल, कन्हैया लाल यादव, आनंद भूषण, विवेक कुमार सिंह उमेश प्रसाद, मनीष कुमार जायसवाल, पंकज पांडेय जिला एवं सत्र न्यायाधीश लाल बिहारी पासवान, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डॉ. दीवान फहद खान, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुशील प्रसाद सिंह, संदीप कुमार सिंह, प्रदीप चंद्रा, राजीव कुमार, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी शोभित सौरभ, न्यायकर्ता एवं प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल, सहित समस्त न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मचारी आदि मौजूद रहे।

इस मौके पर योग शिक्षक योगेंद्र भूषण ने विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराया। कार्यक्रम में जिला जज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को योग को दिनचार्या में शामिल करना चाहिए। योग भारत में आदि काल से चला आ रहा है, जिसकी पहचान अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गई है। योग आदिकाल से भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है। कहा कि  मानव के सुखी और निरोगी जीवन के लिए इसके महत्व को देखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है। हम सभी को योग को प्रतिदिन अपने जीवन में आत्मसात करना बेहद जरूरी है। योग न सिर्फ कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है बल्कि मनुष्य को कई मानसिक समस्याओं से निजात दिलाता है।

योग का शाब्दिक अर्थ ही जोड़ होता है, जिसका मतलब शरीर और एकाग्र मन जब आपस में जुड़ते हैं तो एक स्वस्थ एवं एकाग्रचित शरीर का निर्माण होता है जो सभी बीमारियों से दूर रखने में सहायक साबित होता है। प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल ने कहा कि अगर व्यक्ति योग को जीवन में आत्मसात करता है, तो वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होता है। स्वस्थ व्यक्ति कई समस्याओं को अपने पास आने से रोक लेता है। अक्सर यह देखा गया है कि कई तरह की विधिक समस्याओं के पीछे मानसिक परेशानी होती है, जो योग से दूर की जा सकती है। अगर वह योग से जुड़ा होता तो वह मानसिक समस्या से दूर रहता तो उसके समक्ष विधिक समस्या भी नहीं होती। इसलिए प्रत्येक मनुष्य की समस्याओं का निदान योग में निहित है। बस इसे जानने और करने की जरूरत है।

सचिव ने कहा कि इस बार योग का थीम ’’एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग है। इसके अलावा प्राधिकार के निर्देश पर मंडल कारा औरंगाबाद, उपकारा दाउदनगर तथा बच्चों से संबंधित सुरक्षित स्थान बभंडी में भी योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस क्रम में मुख्य कानूनी बचाव अधिवक्ता युगेश किशोर पांडेय, सहायक कानूनी बचाव अधिवक्ता चंदन कुमार मिश्रा ने मंडल कारा, औरंगाबाद में तथा उप मुख्य कानूनी बचाव अधिवक्ता मुकेश कुमार एवं सहायक कानूनी बचाव अधिवक्ता रंधीर कुमार ने बच्चों के लिए सुरक्षित स्थान में उपस्थित होकर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाया।

 

 

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BIHAR - JHARKHAND