औरंगाबाद: जमीन विवाद में दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष, 14 घायल, 9 की हालत गंभीर
औरंगाबाद। जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनपुरा गांव में जमीन विवाद ने शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया, जब दो पक्ष आपस में भिड़ गए। दोनों ओर से जमकर लाठी-डंडे और धारदार हथियार चले। देखते ही देखते मामूली विवाद खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया, जिसमें दोनों पक्षों के कुल 14 लोग घायल हो गए। इनमें से 9 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
घायल व्यक्तियों में एक पक्ष से रामलाल यादव, उनके पुत्र कल्याण कुमार, श्यामलाल यादव की पत्नी किरण देवी, पिंटू कुमार, रामलखन यादव, उनकी पत्नी विमला देवी, पुत्र मनोरंजन कुमार, इंद्रजीत कुमार यादव और संजय यादव की पत्नी सुगंधा देवी शामिल हैं। वहीं, दूसरे पक्ष से सत्येंद्र यादव, उनकी पत्नी श्राप्ति देवी, रणधीर यादव, संजय यादव और त्रिवेणी यादव की पत्नी किरण देवी घायल हुए हैं।
घायल रामलाल यादव के अनुसार, गांव में बनाई गई कच्ची सड़क को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। उनका कहना है कि पटीदारों ने पहले इस सड़क के निर्माण में बाधा डाली थी, लेकिन बाद में उन्होंने खुद की जमीन देकर रास्ता बनवाया। अब दूसरे पक्ष द्वारा उस रास्ते पर जानबूझकर ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी कर दी जाती है। गुरुवार देर रात ट्रॉली हटाने को लेकर बहस हुई थी, लेकिन मामला शांत हो गया था। शुक्रवार सुबह मनोरंजन यादव जब शौच के लिए निकले तो पहले से घात लगाए लोगों ने उन पर हमला कर दिया। बचाने आए परिजनों पर भी लाठियों से हमला किया गया।
वहीं, दूसरे पक्ष का आरोप है कि एक दिन पहले पशु चराने को लेकर श्राप्ति देवी और विमला देवी के बीच कहासुनी हुई थी। आरोप है कि इसके बाद मनोरंजन यादव घर में घुसकर महिलाओं के साथ मारपीट करने लगा। अगले दिन विवाद फिर उभरकर सामने आया, जब विमला देवी खेत में पशु चरा रही थीं। इसी दौरान सत्येंद्र यादव से गाली-गलौज हुई और मामला मारपीट तक पहुंच गया।
हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दी गई। मदनपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया कि थाने में अब तक किसी भी पक्ष ने लिखित आवेदन नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है और आवेदन मिलने पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी बढ़ने की आशंका को देखते हुए ग्रामीणों में दहशत है। पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठने लगे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई करता है।
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