औरंगाबाद में बड़ा पर्दाफाश: पुलिस की वर्दी में छुपा निकला चोरी का सौदागर, गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में भर्ती

औरंगाबाद में बड़ा पर्दाफाश: पुलिस की वर्दी में छुपा निकला चोरी का सौदागर, गिरफ्तारी के बाद अस्पताल में भर्ती

औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले में पुलिस महकमे को झटका देने वाला मामला सामने आया है। टंडवा थाने में तैनात बलिराम नाम का पुलिसकर्मी, जो आमतौर पर सरकारी गाड़ी चलाने का काम करता था, असल में वाहन चोरी के रैकेट का मास्टरमाइंड निकला। पुलिस ने उसे सोमवार को शहर के कर्मा रोड इलाके से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद बलिराम ने तबीयत खराब होने की शिकायत की, जिसके चलते उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बलिराम भोजपुर जिले के बिहियां का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि वह बीते कुछ महीनों से निलंबित था और फरारी काट रहा था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसे धर दबोचा। उसके पास से पुलिस की वर्दी और फर्जी दरोगा का पहचान-पत्र भी बरामद हुआ है। माना जा रहा है कि बलिराम इसी नकली पहचान का इस्तेमाल कर लोगों को डराता-धमकाता था।

चोरी की बलेनो कार से खुली पोल

मामला तब सामने आया, जब रोहतास जिले के आयर कोठा गांव के सोनू कुमार नामक युवक ने नगर थाना में बलिराम के खिलाफ केस दर्ज कराया। सोनू का आरोप है कि बलिराम ने उसकी बलेनो कार चुरा ली और केस वापस लेने के लिए उसे धमकाने लगा। बलिराम खुद को नगर थाने का दरोगा बताकर सोनू को मर्डर केस में फंसाने और जान से मारने की धमकी देता रहा।सोनू ने पुलिस को बताया कि गाड़ी उसके भाई के नाम पर रजिस्टर्ड थी और करीब दो महीने पहले घर के बाहर से गायब हो गई थी। जब पुलिस ने गाड़ी की डीटीओ से जांच कराई, तो उसका असली मालिक सोनू का भाई ही निकला। जांच में पता चला कि चोरी की गई बलेनो, थाना परिसर में ही खड़ी थी। लेकिन पुलिस के हाथ पड़ने से पहले ही बलिराम ने गाड़ी बेच दी।

बलिराम की सफाई: मुझे फंसाया गया

अस्पताल में भर्ती बलिराम ने आरोपों से इनकार किया है। उसका कहना है कि उसने वर्ष 2021 में झारखंड के डाल्टनगंज के रहने वाले जिब्राइल अंसारी से यह कार खरीदी थी। ढाई साल तक उसी गाड़ी पर चलता रहा। बाद में डेहरी के एक कार डीलर राजू चौधरी को बेच दी। राजू ने वही गाड़ी सोनू को बेच दी और सोनू ने उस पर लोन भी कराया। बलिराम का दावा है कि लोन की रकम खाते में आते ही सोनू ने उसे फंसाने की साजिश रच डाली। बलिराम ने केस की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी प्रशांत कुमार पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया।

पुलिस की गहन जांच शुरू

नगर थाना पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या बलिराम के तार किसी बड़े वाहन चोर गिरोह से जुड़े हैं। पुलिस यह भी छानबीन कर रही है कि बलिराम ने फर्जी दरोगा बनकर और कितने लोगों को धमकाया और ठगा। बलिराम की गिरफ्तारी से पुलिस महकमे में खलबली मच गई है, क्योंकि यह मामला विभाग की छवि पर भी सवाल खड़े कर रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ के बाद कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। अब देखना है कि बलिराम की कहानी सच है या वह सचमुच किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है।

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BIHAR - JHARKHAND