भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़क पर उतरे सदर विधायक आनंद शंकर , औरंगाबाद अंचल कार्यालय में दिया धरना
धरने के बाद 30 लोगों की समस्याओं का निष्पादन
औरंगाबाद। आम लोगों की समस्याओं को लेकर गुरुवार को सदर विधायक आनंद शंकर खुद औरंगाबाद अंचल कार्यालय पहुंचे और वहां की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। अपने समर्थकों के साथ पहुंचे विधायक ने दो टूक कहा कि जब तक जनता के काम नहीं होंगे, वह वहां से नहीं हटेंगे। विधायक के धरने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। डीसीएलआर और प्रभारी सीओ शशि सिंह मौके पर पहुंचे और जनता की समस्याओं को सुना। इस दौरान मौके पर मौजूद 25 से 30 लोगों के मामलों का तत्क्षण निष्पादन किया गया।
धरना स्थल पर पहुंचे लोगों ने अंचल कार्यालय की कार्यशैली पर खुलकर नाराजगी जताई। उन्होंने विधायक के सामने कहा कि यहां बिना रिश्वत के कोई काम नहीं होता। सरकारी काम के लिए लोगों से खुलेआम पैसे की मांग की जाती है और जो पैसा नहीं देते, उनके काम महीनों तक लटकाए जाते हैं। विधायक आनंद शंकर ने अंचल कार्यालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां भ्रष्टाचार और लापरवाही चरम पर है। जनता महीनों से परेशान है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि दो दिन से अंचलाधिकारी न तो फोन उठा रहे हैं और न ही सरकारी नंबर पर कोई जवाब दिया जा रहा है। जिन अधिकारियों को प्रभार सौंपा गया है, वे भी अपने कर्तव्यों से भाग रहे हैं।
विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना की कई परियोजनाएं सिर्फ इसलिए रुकी हुई हैं क्योंकि अंचल से एनओसी जारी नहीं की जा रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वे हर तीसरे दिन अंचल कार्यालय में आकर धरने पर बैठेंगे और सोशल मीडिया व समाचार पत्रों के माध्यम से जनता को इसकी जानकारी देंगे। धरने के दौरान विधायक ने कहा कि जीरो टॉलरेंस की नीति अब सिर्फ कागजों पर रह गई है। अंचल कार्यालय में केवल “नोट नीति” चल रही है। जनता व्यवस्था से त्रस्त है और अधिकारी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऊपर से नीचे तक सभी पदाधिकारी आपस में मिले हुए हैं और आम लोगों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं।
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