प्रो. त्रिभुवन नाथ सिन्हा के निधन से औरंगाबाद में शोक की लहर, अपूरणीय क्षति

प्रो. त्रिभुवन नाथ सिन्हा के निधन से औरंगाबाद में शोक की लहर, अपूरणीय क्षति

औरंगाबाद। सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय, औरंगाबाद के इतिहास विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष, प्रतिष्ठित विद्वान एवं हम सभी के मार्गदर्शक प्रो. त्रिभुवन नाथ सिन्हा जी के निधन से पूरे जिले में शोक की गहरी लहर दौड़ गई है।

प्रो. सिन्हा न केवल एक उत्कृष्ट शिक्षक थे, बल्कि अपने विद्वतापूर्ण योगदान और जीवन भर की सेवा भावना के कारण वे विद्यार्थियों, सहकर्मियों और स्थानीय जनता के दिलों में एक विशेष स्थान रखते थे।

उनकी विद्वता, सरलता और अनुशासित जीवनशैली का प्रभाव हर किसी पर पड़ा। शिक्षा जगत से लेकर सामाजिक जीवन तक, हर क्षेत्र में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी।

औरंगाबाद की जनता का कहना है कि प्रो. त्रिभुवन नाथ सिन्हा जैसा व्यक्तित्व बार-बार जन्म नहीं लेता और उनके जाने से जो रिक्तता उत्पन्न हुई है, उसकी भरपाई संभव नहीं है।

स्थानीय नागरिकों, शिक्षकों, पूर्व विद्यार्थियों तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है और इसे शिक्षा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया है।उनकी स्मृतियों को सदा सहेजा जाएगा।

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BIHAR - JHARKHAND