डीएपी की जगह सिंगल सुपर फॉस्फेट का करें उपयोग : कृषि विज्ञान केंद्र सिरिस की अपील
औरंगाबाद। फसल बुआई के मौसम में डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की बढ़ती मांग और संभावित कमी को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र, सिरिस, औरंगाबाद की ओर से किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह जारी की गई है। केंद्र की मृदा वैज्ञानिक डॉ. प्रतिभा कुमारी ने किसानों को डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) के उपयोग की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि एसएसपी एक सस्ता, टिकाऊ और पोषक तत्वों से भरपूर उर्वरक है, जो किसानों की लागत घटाने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखता है।
डॉ. कुमारी के अनुसार, एसएसपी में फॉस्फोरस के अलावा सल्फर, कैल्शियम और जिंक जैसे पोषक तत्व भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं, जो फसल की वृद्धि और गुणवत्ता में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके विपरीत डीएपी पूरी तरह से आयातित खाद है, जिसकी आपूर्ति अक्सर सीमित रहती है और समय पर किसानों को उपलब्ध नहीं हो पाती। ऐसे में एसएसपी एक व्यवहारिक और प्रभावी विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है।
तुलनात्मक रूप से देखें तो एक बैग (50 किलो) डीएपी से 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन मिलता है, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 1450 रुपये है। वहीं यदि किसान 3 बैग एसएसपी और 1 बैग यूरिया का प्रयोग करते हैं, तो उन्हें 24 किलोग्राम फॉस्फोरस, 5.5 किलोग्राम सल्फर, 10 किलोग्राम कैल्शियम और 23 किलोग्राम नाइट्रोजन प्राप्त होता है, जिसकी कुल लागत मात्र लगभग 1370 रुपये होती है। इस तरह एसएसपी और यूरिया का संयोजन न केवल लागत की दृष्टि से किफायती है, बल्कि फसल के पोषण में भी अधिक उपयोगी है।
कृषि विज्ञान केंद्र सिरिस ने सभी किसान भाइयों से अनुरोध किया है कि वे डीएपी की जगह एसएसपी एवं यूरिया का उपयोग करें और वैज्ञानिक सलाह के अनुसार उर्वरकों का संतुलित प्रयोग कर अपनी पैदावार बढ़ाएं तथा मिट्टी की सेहत बनाए रखें।
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