राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम एवं विधायक आनंद शंकर पर औरंगाबाद के भाजपा कार्यकर्ता ने दर्ज कराई FIR
सदर विधायक ने बताया 'महागठबंधन का मेनिफेस्टो'
मामला महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह देने की योजना का वीडियो से जुड़ा
औरंगाबाद। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर औरंगाबाद में राजनीतिक भूचाल आ गया है। कथित रूप से महिलाओं को हर माह ₹2500 रुपये देने की बात कहे जाने वाले वीडियो के वायरल होने के बाद नगर थाना में दर्ज एफआईआर संख्या 479/25 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, बिहार के सदर विधायक आनंद शंकर सिंह और कुटुंबा विधायक राजेश राम को अभियुक्त बनाया गया है। मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 352/79, 318(4) और आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 के तहत दर्ज हुआ है, जिसकी जांच पीएसआई समीर कुमार सिंह को सौंपी गई है।
क्या है वीडियो विवाद?
प्राथमिकी दर्ज कराने वाले भाजपा कार्यकर्ता और पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह के प्रतिनिधि मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि दिनांक 4 अगस्त को उन्होंने अपने मोबाइल नंबर पर एक व्हाट्सएप स्टेटस में वीडियो देखा, जिसमें एक मस्जिद की तस्वीर, एक युवक की आवाज, और महिलाओं से “योजना फार्म” भरने की अपील की गई थी। वीडियो में युवक कहता है : “औरंगाबाद की माँ-बहनों को हर माह ₹2500 मिलेगा... चाहे गोरी हो या काली-कलूटी, हर लड़की इस फार्म को भर सकती है।” शिकायतकर्ता का आरोप है कि वीडियो में दिखाई देने वाले फॉर्म पर कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें हैं और इस प्रकार की भ्रामक और अपमानजनक भाषा के जरिये जनता को धोखा, चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास और महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई जा रही है।
वीडियो सोर्स : Instagram
नामजद अभियुक्तों में कौन-कौन?
प्राथमिकी में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कुटुंबा विधायक व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, औरंगाबाद सदर विधायक आनंद शंकर सिंह समेत उन सभी अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया है जो विडियो में दिख रहे हैं तथा जिनकी आवाज में विडियो रिकॉर्ड है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इस वीडियो के जरिये महागठबंधन नेताओं की छवि का इस्तेमाल कर एक झूठी सरकारी योजना का प्रचार किया जा रहा है, जबकि वास्तव में ऐसी कोई योजना सरकार द्वारा चलाई ही नहीं जा रही है।
यह महागठबंधन का प्रस्तावित मेनिफेस्टो है : आनंद शंकर सिंह
इस गंभीर आरोप पर सदर विधायक आनंद शंकर सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "जिस योजना की बात वीडियो और प्राथमिकी में की जा रही है, वह महागठबंधन के प्रस्तावित मेनिफेस्टो का हिस्सा है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने घोषणापत्र का प्रचार-प्रसार करते हैं। मगर हमारे विरोधियों-विपक्षियों द्वारा इसे तोड़-मरोड़कर, ओछी राजनीति के तहत चुनाव पूर्व एक मुद्दा बनाया जा रहा है, जो कहीं से भी उचित नहीं है।" उन्होंने आगे कहा कि प्रचार करना किसी भी दल का लोकतांत्रिक अधिकार है, और किसी घोषणापत्र को ‘फर्जी योजना’ कहकर जनता को गुमराह करना भाजपा की रणनीति का हिस्सा है। नगर थाना पुलिस ने इस मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। साथ ही, वायरल वीडियो के सोर्स, वितरण नेटवर्क और जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान के लिए साइबर सेल को भी सतर्क किया गया है।
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