बिहार सरकार का बड़ा कदम: सोन नदी से औरंगाबाद, डिहरी और सासाराम को मिलेगा पेयजल
पटना। बिहार सरकार ने औरंगाबाद, डिहरी और सासाराम के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इन क्षेत्रों में भूगर्भ जल के स्तर में हो रही गिरावट और सुरक्षित जल भंडार की कमी के कारण उत्पन्न पेयजल संकट को दूर करने के लिए सरकार ने सोन नदी के सतही जल को शोधित कर पेयजल के रूप में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस निर्णय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री की पहल और प्रस्ताव की स्वीकृति
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इस योजना के तहत सोन नदी के जल को आधुनिक तकनीक से शोधित कर इन तीन शहरों के निवासियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
भूगर्भ जल संकट की स्थिति
औरंगाबाद, डिहरी और सासाराम जैसे प्रमुख शहरों में पिछले कुछ वर्षों से भूगर्भ जल स्तर में तेजी से गिरावट हो रही है। इसके कारण इन क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा गया है। जल संकट से निपटने के लिए सतही जल का उपयोग एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। यह परियोजना न केवल इन शहरों के जल संकट को दूर करेगी बल्कि भूगर्भ जल के अनियंत्रित दोहन को भी कम करेगी। सरकार का उद्देश्य है कि आने वाले समय में अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी इस तरह की योजनाओं को लागू किया जाए।
परियोजना के संभावित लाभ
- पेयजल की उपलब्धता: इस योजना से औरंगाबाद, डिहरी और सासाराम के निवासियों को नियमित और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
- भूगर्भ जल संरक्षण: सतही जल का उपयोग भूगर्भ जल के अनियंत्रित दोहन को कम करेगा, जिससे जल संरक्षण में मदद मिलेगी।
- स्वास्थ्य और स्वच्छता: शोधित जल की आपूर्ति से इन शहरों में जल जनित बीमारियों की घटनाओं में कमी आएगी, जिससे जन स्वास्थ्य में सुधार होगा।
- टिकाऊ विकास: यह परियोजना सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में जल संकट को कम करने में सहायक होगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस महत्वपूर्ण घोषणा पर विपक्षी दलों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार के इस कदम की सराहना की है और इसे जल संकट से निपटने की दिशा में एक सकारात्मक पहल बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह की योजनाओं को और अधिक क्षेत्रों में लागू करना चाहिए।
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