बिहार : आकाशीय बिजली ने ली 8 जानें, 27 जिलों में बारिश का अलर्ट
पटना। बिहार के तीन जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में कुल 8 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा असर बेगूसराय जिले में देखने को मिला है, जहां चार लोगों की जान गई है। वहीं मधुबनी जिले में पिता-पुत्री समेत तीन लोगों की मौत हो गई। दरभंगा में एक बुजुर्ग ठनका की चपेट में आकर चल बसे। यह घटनाएं राज्य में मौसम के बदलते मिजाज की भयावहता को दर्शाती हैं। राज्यभर में बुधवार की सुबह से ही कहीं तेज बारिश तो कहीं हल्की बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है। लखीसराय और मधुबनी में सुबह तेज बारिश हुई, जबकि सहरसा और बेगूसराय के ग्रामीण इलाकों में हल्की फुहारें पड़ीं। मुंगेर में बादल घिर आए हैं और तेज हवाएं भी चल रही हैं।
चार जिलों में ओलावृष्टि की आशंका, 27 जिलों में बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि राज्य के चार जिलों में ओलावृष्टि की आशंका है। साथ ही 27 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, असम और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण बिहार तक नमी युक्त हवाएं पहुंच रही हैं। इन्हीं हवाओं के कारण उत्तर-पूर्व बिहार में मौसम ने करवट ली है। यह परिवर्तन अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा और 13 अप्रैल तक राज्य के कई भागों में मेघ गर्जन, हल्की वर्षा और तेज हवाओं का दौर बना रह सकता है। इस दौरान तापमान में गिरावट आने से लोगों को झुलसाने वाली गर्मी से राहत मिलने की संभावना है।
तापमान गिरा, लेकिन उमस में बढ़ोतरी
बिहार में मंगलवार को अधिकतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई है, जिससे हवा में नमी बढ़ने के कारण लोगों को उमस का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि जैसे-जैसे नमी और न्यूनतम तापमान बढ़ेगा, वैसे-वैसे गर्मी की अनुभूति और ज्यादा होगी।
औरंगाबाद रहा सबसे गर्म, गया में सबसे ज्यादा न्यूनतम तापमान
राजधानी पटना में मंगलवार को अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 26.8 डिग्री दर्ज किया गया। राज्य के अधिकतर जिलों में न्यूनतम तापमान 22 से 27 डिग्री के बीच रहा। गया में न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री और औरंगाबाद के डेहरी में अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पूरे राज्य में सबसे अधिक रहा।
किसानों के लिए अलर्ट, जल्द करें फसल की कटाई
मौसम में आए इस अचानक बदलाव से फसलों पर प्रभाव पड़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मौसम विभाग ने किसानों से सतर्क रहने की अपील की है। विभाग ने सलाह दी है कि जिन किसानों की फसलें कटाई योग्य हैं, वे तुरंत कटनी और दौनी की प्रक्रिया पूरी करें। कटाई के बाद फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखकर ढंक दें ताकि बारिश और तेज हवा से नुकसान न हो।
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