भोजपुर में जमीन विवाद ने ली एक की जान, चचेरे भाइयों ने दो सगे भाइयों को मारी गोली
भोजपुर। ज़मीन को लेकर उपजा पारिवारिक विवाद गुरुवार को खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया, जब आयर थाना क्षेत्र के भेड़री गांव में चचेरे भाइयों ने अपने ही दो सगे भाइयों को गोली मार दी। इस घटना में एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा भाई गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। मृतक की पहचान भगवान सिंह (42 वर्ष) के रूप में हुई है, जबकि घायल ददन सिंह (40 वर्ष) की हालत नाजुक बनी हुई है। भगवान सिंह को सीने और हाथ में गोली लगी थी, जबकि ददन सिंह को कमर में गोली मारी गई है। दोनों को फौरन इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन भगवान सिंह को बचाया नहीं जा सका।
जमीन के बंटवारे में जबरन हड़पने का आरोप
मृतक के पिता हरी किशोर सिंह ने बताया कि तीन भाइयों के बीच कुल 22 बीघा जमीन का बंटवारा हुआ था। आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने कुछ समय पहले 1 बीघा 2 कट्ठा जमीन गांव के ही एक व्यक्ति को बेच दी थी। लेकिन बीते 20 दिन पहले उनका भतीजा लल्लू सिंह जबरन कम कीमत पर उनके नाम की जमीन लिखवा लिया। गुरुवार को जब हरी किशोर सिंह के दोनों बेटे खेत जोतने जा रहे थे, तभी लल्लू सिंह ने उन्हें रोका। विवाद बढ़ने पर कहासुनी हुई और फिर लल्लू सिंह ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ दोनों भाइयों को गोली मार दी।
मौत से मचा कोहराम, परिवार सदमे में
भगवान सिंह की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। उनकी पत्नी रीता देवी और तीन बेटे रामबाबू, जीतन और नीतीश का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में मातम पसरा हुआ है, और लोग इस घटना से स्तब्ध हैं कि आपसी रिश्ते इतनी नफ़रत में कैसे बदल गए।
एसपी ने लिया घटनास्थल का जायज़ा, आरोपियों की तलाश जारी
गोलीबारी की सूचना मिलते ही भोजपुर एसपी राज मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया। उन्होंने बताया कि “पूर्व के जमीन विवाद को लेकर यह घटना हुई है। फिलहाल आरोपी फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।” उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा भी दिलाया।
सवालों के घेरे में प्रशासन और कानून व्यवस्था
यह घटना एक बार फिर बताती है कि बिहार में जमीनी विवाद किस कदर घातक रूप ले रहे हैं। सवाल यह भी उठता है कि यदि जबरन जमीन हड़पने की शिकायत पहले से थी, तो प्रशासन ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया? अगर समय रहते कार्रवाई होती, तो शायद एक निर्दोष की जान बच सकती थी।
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