वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव: गया में तीन नाबालिग गिरफ्तार
गया। गया के रफीगंज रेलवे पुलिस ने वंदे भारत एक्सप्रेस पर हुए पथराव मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन नाबालिग छात्रों को गिरफ्तार किया है। ये तीनों शेरपुर, चंदौती के रहने वाले हैं और सरकारी स्कूल के छात्र हैं। इनकी उम्र 16 से 17 वर्ष के बीच है। घटना बुधवार की है जब वाराणसी से रांची जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस (20888) गया के कष्ठा स्टेशन और वेस्ट केबिन के बीच से गुजर रही थी। उसी दौरान रेलवे लाइन किनारे बैठे तीनों नाबालिगों ने मस्ती-मजाक के दौरान ट्रेन पर पत्थर फेंक दिए।
इस पथराव में ट्रेन के इंजन का शीशा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी यात्री को कोई चोट नहीं पहुंची, लेकिन तेज आवाज से यात्री घबरा गए और कुछ कोचों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ट्रेन के इंजन के सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में घटना रिकॉर्ड हो गई थी। फुटेज की मदद से रफीगंज पुलिस ने तीनों लड़कों की पहचान की और गांव में छापेमारी कर उन्हें हिरासत में ले लिया। वर्तमान में तीनों से पूछताछ की जा रही है। घटना के बाद से रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और स्थानीय पुलिस ने हाईस्पीड ट्रेनों के मार्गों पर निगरानी बढ़ा दी है। रेल पुलिस अधिकारी बीके सिंह ने कहा है कि वंदे भारत जैसी हाईस्पीड ट्रेनों की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस तरह की हरकतों को गंभीर अपराध माना जाएगा और कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, वंदे भारत जैसी ट्रेनें 160 किमी/घंटा तक की रफ्तार से दौड़ती हैं। ऐसे में अगर पथराव किसी यात्री को लगता है या ट्रेन के महत्वपूर्ण हिस्से को क्षति पहुंचती है, तो बड़ा हादसा हो सकता है। रेलवे एक्ट के तहत चलती ट्रेन पर पथराव करने पर 10 साल तक की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है। भले ही अपराधी नाबालिग हो। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या स्कूल और समाज बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने में विफल हो रहे हैं? मस्ती-मजाक में किया गया यह कृत्य राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सैकड़ों यात्रियों की जान को खतरे में डालने जैसा गंभीर अपराध है।
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