राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किशनगंज में स्किल सेंटर का उद्घाटन किया, बोले – “जिसके पास इल्म नहीं, वह यतीम है

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किशनगंज में स्किल सेंटर का उद्घाटन किया, बोले – “जिसके पास इल्म नहीं, वह यतीम है

किशनगंज। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बुधवार को किशनगंज पहुंचे, जहां उन्होंने तौहीद एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा आयोजित दो दिवसीय शैक्षणिक महोत्सव में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने जामिया हमदर्द वोकेशनल एंड स्किल सेंटर का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने न केवल शिक्षा, तकनीक और सामाजिक विविधता पर अपने दृष्टिकोण साझा किए, बल्कि संवेदनशील मुद्दों पर भी बेबाकी से अपनी राय रखी।

बुधवार को सुबह राज्यपाल का विमान जैसे ही भगवान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उतरा, प्रशासनिक अधिकारियों और ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे सीधे तौहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के परिसर पहुंचे। पहला सत्र दोपहर 12:30 बजे शुरू हुआ, जिसमें वे तीन घंटे तक सक्रिय रूप से शामिल रहे। इस दौरान उन्होंने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का अवलोकन किया और स्किल सेंटर के विभिन्न प्रभागों का दौरा किया।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा यानी इल्म सबसे जरूरी चीज है, लेकिन अगर इंसान खुद को बदलने की नीयत नहीं रखता, तो यह इल्म भी किसी काम का नहीं। उन्होंने कहा, “दुनिया बदल रही है, हमें भी बदलना होगा। शिक्षा हमें इस योग्य बनाती है कि हम अपने समय की जरूरतों को समझ सकें। जिसके पास इल्म और अदब नहीं, वह यतीम है। राज्यपाल ने काफिर शब्द की पारंपरिक परिभाषा को चुनौती देते हुए कहा, “हम जिसे काफिर समझते हैं, वह वास्तव में नहीं है। असली काफिर वह है जिसके पास तकनीकी और रचनात्मक क्षमता नहीं है। आज के दौर में तकनीक ही पहचान बन चुकी है।

उन्होंने कहा, “भारत विविधताओं का देश है। यहां पूजा-पद्धति, भाषा, रंग सभी अलग हैं, लेकिन यही हमारी ताकत है। हमें पुल बनना है, दीवार नहीं। अल्लाह ने सबको जोड़ने के लिए भेजा है, अलग करने के लिए नहीं। राज्यपाल ने ‘माइनॉरिटी’ शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक वही हैं जिनके साथ भेदभाव हुआ हो, न कि संख्या के आधार पर कोई समूह। राज्यपाल ने उपस्थित छात्रों और अतिथियों को जोश के साथ विवेक भी बनाए रखने की नसीहत दी। उन्होंने कहा, “मैं कुछ ऐसा कहने जा रहा हूं जो शायद अच्छा न लगे, लेकिन ताली जोश का प्रतीक है। अक्सर इंसान ताली में होश खो बैठता है, इसलिए ताली नहीं, समझदारी रखें। राज्यपाल ने किशनगंज की प्राकृतिक सुंदरता और कृषि विशेषताओं की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यहां की चाय, अनानास और मखाने की खेती अद्भुत है। उन्होंने याद दिलाया कि जब वे ऊर्जा मंत्रालय में थे, तब ग्रामीण विद्युतीकरण के दौरान किशनगंज का दौरा कर चुके हैं।

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BIHAR - JHARKHAND