मुजफ्फरपुर: बाबा बागेश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री दो दिवसीय दौरे पर मुजफ्फरपुर पहुंचे, विष्णु महायज्ञ में देंगे दिव्य प्रवचन
मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर की पावन धरती एक बार फिर आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गई है, क्योंकि बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक भव्य दो दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम के तहत मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं। वे राधानगर पताही चौसीमा मधुबनी फोरलेन के समीप आयोजित श्रीश्री 1008 विष्णु महायज्ञ में भाग लेने आए हैं, जो 10 दिनों तक चलेगा। इस दौरान वे मंगलवार और बुधवार की शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक श्रद्धालुओं को अपने दिव्य प्रवचनों से आध्यात्मिक मार्गदर्शन देंगे।
महायज्ञ की शुरुआत सोमवार को भव्य कलश यात्रा के साथ हुई, जिसमें कुल 1100 कन्याओं ने भाग लिया। कन्याएं पहले मधुबनी पोखर पहुंचीं, जहां पवित्र गंगाजल से जलबोझी की रस्म पूरी की गई। इसके पश्चात वे यज्ञस्थल पहुंचीं, जहां वाराणसी से आए आचार्यों ने विधिवत कलश स्थापना कराई। इस महायज्ञ का आयोजन मुजफ्फरपुर सेवा संस्थान द्वारा कराया जा रहा है, जिसके कार्यकारी अध्यक्ष कुश मिश्रा हैं।
कुश मिश्रा ने बताया कि बाबा बागेश्वर का प्रवचन सुनने के लिए भव्य वाटरप्रूफ पंडाल तैयार किया गया है, ताकि बारिश की स्थिति में भी श्रद्धालु निर्बाध रूप से धर्म चर्चा में सम्मिलित हो सकें। शहर और दूर-दराज़ से लाखों की संख्या में भक्तों के आने की संभावना को देखते हुए ठहरने और मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था की गई है। नगर निगम की ओर से चलंत शौचालय, शुद्ध पेयजल के लिए पानी की टंकी और नल की विशेष व्यवस्था की गई है।
इस यज्ञ में खास बात यह है कि 23 मई को सामूहिक उपनयन संस्कार का भी आयोजन होगा, जिसमें सैकड़ों बालकों को यज्ञोपवीत संस्कार कराया जाएगा। यज्ञ की पूर्णाहुति 28 मई को संपन्न होगी। इसके अलावा 23 मई से 27 मई तक देश के प्रसिद्ध कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज का भी प्रवचन होगा, जो लोगों के लिए एक और दिव्य अनुभव होगा।
भक्तों की सुविधा को देखते हुए यज्ञस्थल पर जगह-जगह लाइव टीवी स्क्रीन लगाए गए हैं, जिससे भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर बैठे श्रद्धालु भी प्रवचन का आनंद ले सकें। साथ ही, जो श्रद्धालु किसी कारणवश कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाएंगे, वे यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारण के माध्यम से घर बैठे ही बाबा बागेश्वर और अनिरुद्धाचार्य महाराज के दिव्य वचनों को सुन सकेंगे।
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