नालंदा खुला विश्वविद्यालय ने डिजिटल युग में रखा मजबूत कदम, 67,000 डिग्री अपलोड हुए
पटना। शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलीकरण की दिशा में नालंदा खुला विश्वविद्यालय ने एक उल्लेखनीय पहल करते हुए तकनीकी नवाचार का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। विश्वविद्यालय ने छात्रों की सुविधा के लिए डिग्री और अंकपत्र को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि अब तक 25,943 डिग्रियां और 41,198 मार्कशीट्स को सफलतापूर्वक डीजी लॉकर प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा चुका है। यह पहल विश्वविद्यालय की डिजिटल पारदर्शिता और छात्रहित में तत्परता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक छात्र को अपने शैक्षणिक दस्तावेज़ों तक त्वरित और सुरक्षित पहुंच मिले। डिजिटलीकरण से न केवल प्रक्रियाएं तेज़ होंगी, बल्कि अनावश्यक भ्रम और कागजी कार्यों से भी मुक्ति मिलेगी। यह डिजिटल सुविधा उन छात्रों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो ग्रामीण या दूरवर्ती क्षेत्रों में निवास करते हैं, जहां से विश्वविद्यालय आना-जाना कठिन होता है। अब वे अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्रों तक कहीं से भी, कभी भी डिजिटल माध्यम से पहुंच सकते हैं।
डिजिटल प्रयासों को और व्यापक बनाते हुए, विश्वविद्यालय ने Academic Bank of Credits (ABC ID) से जुड़ी एक महत्वपूर्ण सुविधा भी शुरू की है। 2024 और 2025 सत्र में नामांकित सभी छात्रों के एबीसी आईडी अपडेट कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं, अब नए छात्रों के लिए नामांकन के समय ही एबीसी आईडी जनरेट करने की प्रक्रिया भी विश्वविद्यालय के सॉफ्टवेयर में जोड़ी गई है। यह नवाचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP 2020) के अनुरूप है, जिसमें छात्रों को एक संस्थान से दूसरे संस्थान में क्रेडिट ट्रांसफर करने की सुविधा दी गई है।
विश्वविद्यालय के डीजी लॉकर नोडल अधिकारी डॉ. किरण पाण्डेय ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकार के डिजिटल मिशन से तालमेल बैठाते हुए तैयार की गई है। आने वाले महीनों में विश्वविद्यालय का लक्ष्य है कि शत-प्रतिशत शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का डिजिटलीकरण पूरा कर लिया जाए।
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