नीतीश कैबिनेट की बैठक में 36 एजेंडों पर लगायी गई मुहर
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में कुल 36 एजेंडों को स्वीकृति दी गई। यह बैठक मुख्य सचिवालय स्थित कैबिनेट हॉल में सुबह 10:30 बजे शुरू हुई, जो दोपहर तक चली। चुनावी साल को देखते हुए मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से कई लोकलुभावन और कल्याणकारी फैसलों को हरी झंडी दिखाई है। इस बार की कैबिनेट में खासतौर पर शिक्षा, खेल, सुरक्षा और समाज कल्याण से जुड़े विभागों को राहत दी गई है। कैबिनेट के फैसले में सबसे अहम निर्णय राज्य के रसोईयों, फिजिकल शिक्षकों और रात्रि प्रहरियों के मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर रहा। अब राज्य के 2 लाख 38 हजार रसोईयों को पहले से दोगुना यानि 3300 रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। यह राशि पहले 1650 रुपये थी। इस फैसले से रसोईयों के चेहरे पर मुस्कान लौटेगी और लंबे समय से चली आ रही उनकी मांगों को भी सरकार ने मान लिया है।
इसी तरह, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत फिजिकल टीचर का मानदेय भी 8000 रुपये से बढ़ाकर 16000 रुपये कर दिया गया है। वहीं, विद्यालयों की सुरक्षा में तैनात रात्रि प्रहरियों का मासिक मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये कर दिया गया है। यह दोनों ही वर्ग लंबे समय से अपने मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे, जिसे कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया। बीते सप्ताह भी नीतीश सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे, जिनमें पत्रकार पेंशन नियमावली 2019 में संशोधन शामिल है। उस संशोधन के तहत अब राज्य के पेंशनभोगी पत्रकारों को 6000 रुपये के बजाय 15000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। इसके साथ ही दिवंगत पत्रकारों के आश्रितों को भी अब 3000 रुपये की बजाय 10000 रुपये सहायता राशि दी जाएगी। कैबिनेट की पिछली बैठक में बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के गठन को भी स्वीकृति दी गई थी, जिसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे।
मुंगेर जिले के ऐतिहासिक व पौराणिक सीता कुंड मेला को भी अब राजकीय मेला का दर्जा दे दिया गया है। साथ ही, बिहार राज्य खेल अकादमी, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम राजगीर समेत अन्य खेल व सैनिक परियोजनाओं के लिए 1121 करोड़ 41 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अलावा, बिहार में डेयरी विकास, सड़क निर्माण कार्यों के लिए बड़ी धनराशि की मंजूरी दी गई है। साथ ही, लापरवाही बरतने वाले 7 डॉक्टरों की सेवा समाप्ति का भी निर्णय लिया गया है। ये तमाम फैसले मुख्यमंत्री के विकास और जवाबदेही के एजेंडे को मजबूत करते हैं।
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