पटना : चंदन मिश्रा हत्याकांड में थानेदार समेत 5 पुलिस कर्मी सस्पेंड

पटना : चंदन मिश्रा हत्याकांड में थानेदार समेत 5 पुलिस कर्मी सस्पेंड

पटना।  बिहार की राजधानी पटना में दिनदहाड़े अस्पताल के भीतर कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा की हत्या के मामले में पुलिस महकमे में भूचाल आ गया है। घटना की जांच के बाद सुरक्षा में भारी चूक सामने आने पर पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने सख्त कदम उठाते हुए तत्काल प्रभाव से पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इन पुलिसकर्मियों में एक सब-इंस्पेक्टर, दो एएसआई और दो सिपाही शामिल हैं, जो उस वक्त चंदन मिश्रा की सुरक्षा में तैनात थे। इसके साथ ही गांधी मैदान, सचिवालय और गर्दनीबाग थाने के तीन अन्य इंस्पेक्टरों को भी ड्यूटी में लापरवाही के आरोप में निलंबित किया गया है।

घटना 17 जुलाई की सुबह की है जब दो बाइक पर सवार छह हथियारबंद अपराधी पटना के पारस अस्पताल पहुंचे। उन्हें इमरजेंसी गेट से प्रवेश नहीं मिला तो वे ओपीडी के रास्ते भीतर घुस गए। उनका सीधा निशाना था कमरा नंबर 209, जहां गैंगस्टर चंदन मिश्रा इलाज के लिए भर्ती था। हमलावरों ने कमरे के खुले लॉक का फायदा उठाया और अंदर घुसते ही अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार में चंदन मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें हमलावरों को न केवल हथियार लहराते, बल्कि वारदात के बाद विक्ट्री साइन दिखाते हुए भागते हुए भी देखा गया है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इतनी बड़ी सुरक्षा जिम्मेदारी के बावजूद घटना के वक्त अस्पताल में न तो कोई पुलिसकर्मी मौजूद था और न ही अस्पताल प्रशासन की कोई सतर्कता नजर आई। चंदन मिश्रा, जो खुद एक कुख्यात अपराधी रहा है, उसके जीवन पर खतरे की आशंका पहले से जताई जा रही थी। बावजूद इसके, सुरक्षा को लेकर घोर लापरवाही बरती गई। इसी को आधार बनाकर एसएसपी ने शास्त्री नगर थाना के जिम्मेदार अफसरों को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया।

पुलिस की प्राथमिक जांच में यह हत्या गैंगवार का नतीजा प्रतीत होती है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हत्या की साजिश तौसीफ बादशाह नामक कुख्यात अपराधी ने रची थी। तौसीफ अस्पताल के अंदरूनी लेआउट से परिचित था, क्योंकि उसका एक साथी पहले वहीं इलाज करवा चुका था। नई सीसीटीवी फुटेज में तौसीफ और उसके गुर्गों को वारदात से पहले पटना के समनपुरा इलाके में बैठकर प्लानिंग करते हुए देखा गया है।

इस पूरी घटना ने बिहार की कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है। अपराधियों के चेहरे खुले थे, उन्होंने कोई नकाब नहीं पहना था और दिनदहाड़े इतनी भीड़भाड़ वाले इलाके में इस दुस्साहसी वारदात को अंजाम दिया। यह न केवल पुलिस के खुफिया तंत्र की विफलता है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल है। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यह कार्रवाई यह दिखाने के लिए है कि "कानून-व्यवस्था से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि आगे और भी अफसरों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

गैंगस्टर की इस तरह की हत्या ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। अस्पताल जैसी जगह को अपराधियों ने कितनी आसानी से निशाना बनाया, यह सोचकर आम लोग भी सहमे हुए हैं। जिस राज्य में अपराधी अस्पताल के बेड पर पड़े शख्स को भी नहीं छोड़ते, वहां कानून का राज कितना प्रभावी है, यह सवाल अब आम जनता के बीच बहस का विषय बन गया है। अब देखना यह है कि पुलिस इस हत्या के पीछे छिपे असली साजिशकर्ताओं को कितनी जल्दी पकड़ पाती है और राज्य सरकार इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन में और क्या सुधार करती है। फिलहाल, चंदन मिश्रा की हत्या ने बिहार में अपराध और प्रशासन की कमजोरी की कहानी को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

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BIHAR - JHARKHAND