8 अगस्त को दौरे पर आएंगे अमित शाह, जानकी मंदिर के भव्य निर्माण से साधेंगे 'मिथिला मिशन'

8 अगस्त को दौरे पर आएंगे अमित शाह, जानकी मंदिर के भव्य निर्माण से साधेंगे 'मिथिला मिशन'

पटना/सीतामढ़ी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 8 अगस्त को बिहार के सीतामढ़ी जिले का दौरा करेंगे। यह दौरा न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि राजनीतिक और विकास योजनाओं की दृष्टि से भी बेहद अहम माना जा रहा है। शाह पुनौरा धाम स्थित जानकी मंदिर के भव्य निर्माण कार्य की आधारशिला रखेंगे और साथ ही कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। भाजपा इस यात्रा को आगामी 2025 बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 'मिथिला मिशन' की नींव के तौर पर देख रही है।

जानकी मंदिर: धार्मिक आस्था और राजनीतिक रणनीति का संगम

माता सीता की जन्मस्थली माने जाने वाले पुनौरा धाम में जानकी मंदिर का भव्य निर्माण वर्षों से लंबित था। अब केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इस ऐतिहासिक स्थल को अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर विकसित करने की योजना पर काम कर रहे हैं। जानकी मंदिर का डिज़ाइन उत्तर भारतीय नागर शैली में तैयार किया गया है, जिसमें सफेद संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर का उपयोग होगा। मंदिर के गर्भगृह में माता जानकी की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मंदिर परिसर का विस्तार 12 एकड़ से अधिक भूमि में किया जा रहा है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थल, वॉकिंग पाथ, तोरण द्वार, और सरोवर सौंदर्यीकरण की योजना शामिल है।

धार्मिक कार्यक्रम से आगे बढ़कर विकास का एजेंडा

अमित शाह के दौरे में केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि विकास परियोजनाओं की भी झलक दिखेगी। सूत्रों के अनुसार, वे सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रोड, पुनौरा धाम से जुड़े पर्यटन मार्गों, पेयजल योजना, और सांस्कृतिक गलियारे जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। मंदिर परिसर में डिजिटल रामायण गैलरी, धर्मशाला, प्रवासी हॉल, भोजनालय, स्नानगृह, रामायण थीम गार्डन, और लाइट-एंड-फाउंटेन शो की भी योजना है। सुरक्षा के लिए CCTV नेटवर्क, फायर सेफ्टी, और महिला-सेफ्टी हेल्प डेस्क भी प्रस्तावित हैं।

BJP के 'मिथिला मिशन' का केंद्र बनेगा जानकी मंदिर

सीतामढ़ी को मिथिला का प्रवेश द्वार माना जाता है। ऐसे में यहां का दौरा भाजपा के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। भाजपा जानकी मंदिर के जरिए मिथिला में धार्मिक भावनाओं और सांस्कृतिक गौरव को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही है। यह दौरा विशेष तौर पर ब्राह्मण, कायस्थ, वैश्य, मैथिल, और EBC समुदायों को लक्षित करता है। अमित शाह का यह दौरा भाजपा के लिए कमजोर मानी जाने वाली सीटों पर जनाधार बढ़ाने का प्रयास भी होगा। इन क्षेत्रों में यादव, मुसलमान, कुशवाहा, सवर्ण, और दलित समुदायों का मिश्रण है, जहां भाजपा की पकड़ अभी अपेक्षाकृत कमजोर रही है।

माता जानकी के नाम पर महिला वोट बैंक को जोड़ने की रणनीति

भाजपा जानकी मंदिर के नाम पर महिला मतदाताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने की कोशिश कर रही है। मंदिर परिसर में महिला-केंद्रित सुविधाओं का विस्तार और ‘मिथिला की बेटी’ सीता की छवि को उभार कर भाजपा महिलाओं में अपना प्रभाव बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा मिथिला क्षेत्र की 20 से 25 विधानसभा सीटों पर असर डाल सकती है। भाजपा जानकी मंदिर को राम मंदिर की तरह एक भावनात्मक मुद्दा बनाकर बिहार चुनाव से पहले धार्मिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को और मज़बूती देना चाहती है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि अमित शाह स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों को भी संबोधित करेंगे, ताकि संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ मिशन 2025 की नींव को भी मजबूत किया जा सके।

 

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BIHAR - JHARKHAND