बिहार को मिलेगा एक और “मरीन ड्राइव”, मुंगेर से भागलपुर तक बनेगा गंगा एक्सप्रेस-वे
पटना। बिहारवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। गंगा किनारे एक और भव्य मरीन ड्राइव का तोहफा मिलने जा रहा है। मुंगेर से सबौर (भागलपुर) तक गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा, जो न सिर्फ राज्य के यातायात को सुगम बनाएगा बल्कि पर्यटन को भी नई उड़ान देगा। इस परियोजना की खास बात यह है कि मुंगेर से भागलपुर तक लोगों को अलग बाइपास मिलेगा। इससे यातायात का दबाव कम होगा और लोग शहरों की भीड़ से बच सकेंगे। सावन में कांवरियों को भी बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि इस रास्ते से उनका सफर आसान हो जाएगा।
परियोजना को HAM (Hybrid Annuity Model) के तहत विकसित किया जाएगा। सड़क निर्माण के इस आधुनिक मॉडल में सरकार परियोजना की कुल लागत का 40% निर्माण के दौरान देती है, जबकि शेष 60% राशि निर्माण करने वाली कंपनी खुद लगाती है। बाद में सरकार यह राशि 15 साल में किश्तों में चुकाती है।
सड़क पर टोल वसूलने का अधिकार सरकार के पास रहता है। साथ ही, कंपनी को 15 साल तक सड़क की मरम्मत और देखरेख की जिम्मेदारी निभानी होती है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के मुताबिक, इससे सरकार पर एकमुश्त वित्तीय दबाव नहीं पड़ता और अन्य परियोजनाएं भी तेजी से शुरू की जा सकती हैं।
करीब 10,000 करोड़ रुपये का होगा खर्च
गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर करीब 9960 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह प्रोजेक्ट दो भागों में विभाजित होगा—
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पहला खंड: मुंगेर के सफियाबाद से बरियारपुर घोरघट होते हुए सुल्तानगंज तक। लंबाई लगभग 42 किलोमीटर, जिसमें 12.72 किलोमीटर एलिवेटेड सड़क भी शामिल। इस पर 5120 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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दूसरा खंड: सुल्तानगंज से सबौर (भागलपुर) तक। लंबाई भी लगभग 42 किलोमीटर होगी। इस पर 4850 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
घाट और विश्राम स्थल भी बनेंगे
गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे 16 घाट बनाए जाएंगे। साथ ही, 5000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में एक बड़ा विश्राम स्थल तैयार किया जाएगा। इससे सावन के महीने में कांवरियों को सहूलियत मिलेगी और राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। माना जा रहा है कि यह प्रोजेक्ट मुंगेर और भागलपुर को आपस में तेज़ और सुगम कनेक्टिविटी से जोड़ेगा और बिहार के विकास को नई दिशा देगा।
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