डोमिसाइल नीति पर भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा का तीखा हमला—तेजस्वी को बताया 'राजनीतिक रूप से अपरिपक्व', कहा- युवाओं के भविष्य से खिलवाड़

डोमिसाइल नीति पर भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा का तीखा हमला—तेजस्वी को बताया 'राजनीतिक रूप से अपरिपक्व', कहा- युवाओं के भविष्य से खिलवाड़

पटना। बिहार में प्रस्तावित डोमिसाइल नीति को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने इस मसले पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को जमकर घेरा है। उन्होंने तेजस्वी के बयान को राजनीतिक अपरिपक्वता बताते हुए इसे बिहार के युवाओं के भविष्य से सीधा खिलवाड़ करार दिया है। ऋतुराज सिन्हा ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव हर गंभीर मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से देखते हैं और डोमिसाइल नीति भी उसी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, एक तरफ आरजेडी बिहार में निवेश बढ़ाने की बात करती है और दूसरी ओर बाहरी उम्मीदवारों को नौकरी से बाहर करने की वकालत कर रही है  यह सीधा नीतिगत विरोधाभास है।

ऋतुराज सिन्हा ने डोमिसाइल नीति के दूरगामी प्रभावों पर चेतावनी देते हुए कहा, यदि बिहार में डोमिसाइल आधारित आरक्षण लागू हुआ, तो महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात जैसे राज्यों में भी जवाबी नीति अपनाई जा सकती है। इसका असर देशभर में कार्यरत 74.54 लाख बिहारी युवाओं पर पड़ेगा, जिनका भविष्य संकट में पड़ जाएगा।

सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर तथ्यों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हालिया सरकारी भर्तियों में बिहार के बाहर के उम्मीदवारों की हिस्सेदारी मात्र 5% से भी कम रही है। तो फिर इन 5% को रोकने के लिए लाखों बिहारियों को जोखिम में डालना किस तर्क पर आधारित है?

भाजपा नेता ने डोमिसाइल नीति को संविधान के अनुच्छेद 16(2) के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही हरियाणा की 75% स्थानीय आरक्षण नीति और पीजी मेडिकल डोमिसाइल नीति को असंवैधानिक ठहरा चुका है। ऐसे में बिहार में ऐसा निर्णय कानूनी रूप से भी टिकाऊ नहीं रहेगा।

उन्होंने बिहार की पिछली शिक्षक बहाली प्रक्रिया का उदाहरण देते हुए कहा कि जब बाहरी अभ्यर्थियों पर रोक लगाई गई थी, तो गणित और विज्ञान जैसे विषयों में योग्य शिक्षकों की भारी कमी हो गई थी। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता पर गहरा असर पड़ा था। ऋतुराज सिन्हा ने अंत में कहा कि तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी आरजेडी की राजनीति बिहार के भविष्य को संवारने के लिए नहीं, बल्कि चुनावी लाभ के लिए की जाती है। उन्होंने कहा कि बिहार को आज एक संवैधानिक, न्यायसंगत और दूरदर्शी नीति की जरूरत है।

बिना सोचे-समझे उठाए गए कदम सिर्फ राज्य की तरक्की में बाधक बनते हैं। बिहार में सरकारी नौकरियों में केवल स्थानीय निवासियों (डोमिसाइल) को प्राथमिकता देने की संभावित नीति को लेकर हाल के दिनों में गहमागहमी बढ़ गई है। आरजेडी और तेजस्वी यादव इसे बिहार के युवाओं के हक़ की लड़ाई बता रहे हैं, वहीं भाजपा इसे संविधान और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बता रही है।

Views: 2
Tags:

About The Author

Aman Raj Verma Picture

Journalist

BIHAR - JHARKHAND