चुनावी मैदान में कांग्रेस का महिला कार्ड: ‘माई बहिन मान योजना’ के तहत हर जरूरतमंद महिला को ₹2500 प्रतिमाह देने का वादा
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने महिलाओं को साधने के लिए एक बड़ा दांव खेला है। पार्टी ने घोषणा की है कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो ‘माई बहिन मान योजना’ लागू की जाएगी। इस योजना के तहत हर जरूरतमंद महिला को प्रतिमाह ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। कांग्रेस की इस घोषणा को आगामी चुनावों के लिए एक सशक्त सामाजिक और राजनीतिक हस्तक्षेप माना जा रहा है। कांग्रेस ने योजना के पंजीकरण के लिए एक मिस्ड कॉल नंबर 8800023525 भी जारी किया है। इस नंबर पर कॉल करने के बाद पंजीकृत महिलाओं को कुछ आवश्यक विवरण भरने होंगे, जिसके बाद उन्हें योजना का लाभ मिल सकेगा।
बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने इस योजना को महिलाओं की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम बताया। उन्होंने कहा, महागठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में इस योजना को सर्वसम्मति से मंजूरी मिली है। हमारा उद्देश्य महिलाओं को सम्मान और आर्थिक मजबूती देना है। राजेश राम ने यह भी बताया कि इस तरह की योजना कर्नाटक, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में पहले से लागू है। कांग्रेस इन राज्यों में महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। वहीं बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा BJP ने भी चुनाव के दौरान महिलाओं से वादे किए थे लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें भुला दिया गया। कांग्रेस जो कहती है।
महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने इस योजना को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योजना को लेकर पूरे राज्य में ‘मिशन बिहार 2025’ के तहत अभियान चलाया जा रहा है। कांग्रेस चाहती है कि यह योजना बिहार की हर जरूरतमंद महिला तक पहुंचे, चाहे वह किसी भी जाति या वर्ग की हो। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार सरकार महिलाओं के रिक्त पदों को भरने में असफल रही है और महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने को लेकर कोई ठोस नीति नहीं दिखा रही है।
अलका लांबा ने कहा कि बिहार में महिलाओं की साक्षरता दर देश में सबसे पीछे है और कांग्रेस इसे सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने योजना के पोस्टर का जिक्र करते हुए बताया कि इसमें लिखा है महागठबंधन सरकार बनने के बाद जरूरतमंद महिलाओं को सम्मानित ₹2500 महीना। इस योजना की घोषणा को राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और कई सीटों पर उनका रुख निर्णायक साबित हो सकता है। कांग्रेस इस योजना के जरिए महिलाओं में सीधा भरोसा और जुड़ाव बनाने की कोशिश कर रही है।
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