बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की ऐतिहासिक प्रगति, मातृ मृत्यु दर घटकर 100 पर पहुंची
पटना। बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था ने बीते वर्षों में उल्लेखनीय सुधार किया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को ताजा आंकड़े जारी करते हुए बताया कि राज्य ने मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) में ऐतिहासिक प्रगति हासिल की है। उन्होंने बताया कि शिशु मृत्यु दर के मामले में बिहार ने अब राष्ट्रीय औसत को छू लिया है, जो राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हाल ही में जारी नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) 2025 के आंकड़े दर्शाते हैं कि बिहार ने 2005 की तुलना में जबरदस्त सुधार किया है। 2005 में जहां मातृ मृत्यु दर 374 थी, वहीं यह अब घटकर 100 रह गई है। पांडेय ने कहा, "2005 में जब एक लाख प्रसव होते थे, तब करीब 374 महिलाओं की मौत हो जाती थी। नीतीश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार सुधार हुआ और 2021 में यह आंकड़ा 118 तक आ गया। अब ताजा रिपोर्ट में यह 100 पर पहुंच गया है।
मंगल पांडेय ने बताया कि 2017-2019 के दौरान एमएमआर 130 था, जो 2018-2020 में घटकर 118 हो गया। अब 2021-2023 के आंकड़ों में यह 100 तक आ गया है। महज कुछ वर्षों में लगभग 24% की गिरावट दर्ज की गई है, जो राष्ट्रीय औसत की तुलना में कहीं अधिक तेजी को दर्शाता है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय औसत में एमएमआर 103 से घटकर 93 हुआ है, जबकि बिहार में यह सुधार कहीं अधिक प्रभावशाली रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि बिहार की शिशु मृत्यु दर अब राष्ट्रीय औसत के बराबर आ गई है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों, अधिकारियों और चिकित्सा सेवाओं में कार्यरत सभी लोगों के समर्पण और मेहनत का परिणाम है।
मंगल पांडेय ने यह भी बताया कि बिहार ने जहां लगातार प्रगति की है, वहीं आसपास के कुछ राज्यों में मातृ मृत्यु दर में वृद्धि दर्ज की गई है। उदाहरण के तौर पर पश्चिम बंगाल में एमएमआर 94 से बढ़कर 109 हो गया है, जो चिंताजनक है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "बिहार सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए कई योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है, जिनमें संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की सुदृढ़ता, एंबुलेंस सेवाओं का विस्तार और महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम शामिल हैं।
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