बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की गरम शुरुआत, विपक्ष का जोरदार हंगामा
विपक्ष ने लॉ एंड ऑर्डर, SIR और नकली दवा कांड को लेकर किया प्रदर्शन
पटना। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू होते ही हंगामेदार हो गया। विपक्षी विधायकों ने सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में नारेबाजी करते हुए “बिहार में गुंडाराज” के नारे लगाए। AIMIM विधायक वेल में पहुंच गए, वहीं कांग्रेस, राजद और वाम दलों के विधायक हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर प्रदर्शन करते रहे। स्पीकर लगातार विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे, लेकिन हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में पहुंचे और अपनी निर्धारित सीट पर बैठे, लेकिन उनके कुछ ही कदमों की दूरी पर बैठे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई। दोनों नेताओं के बीच न तो नमस्कार हुआ और न ही कोई दृष्टि-संपर्क। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "नीतीश कुमार इस्तीफा दें और अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाएं।"
सरकार की ओर से वित्त मंत्री ने 57,946 करोड़ रुपये का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। यह बजट किन योजनाओं और प्राथमिकताओं पर केंद्रित है, इसकी विस्तृत जानकारी अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन विपक्ष पहले ही दिन से इसे लेकर हमलावर हो गया। कांग्रेस विधायक शकील अहमद ने कहा कि “बिहार में अजीबोगरीब स्थिति है। लोग पलायन, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती हालत से परेशान हैं। ऐसे माहौल में विधानसभा का सत्र औचित्यहीन हो गया है।
राज्य सरकार की SIR (स्पेशल इंटेलिजेंस रिपोर्ट) को लेकर विपक्ष विशेष रूप से आक्रामक है। तेजस्वी यादव ने कहा, “हम वोटर वेरिफिकेशन और SIR पर चर्चा की मांग करते हैं। गरीबों को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिहार लोकतंत्र की जननी है और यहां लोकतंत्र की हत्या नहीं होने दी जाएगी।” उन्होंने यह भी चेताया कि यदि सरकार चर्चा से भागेगी तो विपक्ष उसे पूरे राज्य में बेनकाब करेगा।
सदन के भीतर हंगामे के साथ-साथ विधानसभा परिसर भी विरोध का गवाह बना। माले विधायक काले कपड़े पहनकर वोटर वेरिफिकेशन का विरोध करते हुए पहुंचे। कांग्रेस और राजद के विधायकों ने संयुक्त रूप से सरकार विरोधी नारे लगाए। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया कि “सरकार विपक्ष की बात सुनने को तैयार नहीं। इसलिए हम सदन नहीं चलने देंगे। कांग्रेस ने नकली दवाओं के मामले में मंत्री जीवेश मिश्रा का इस्तीफा भी मांगा है।
इस सत्र के पहले दिन लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव विधानसभा नहीं पहुंचे। उन्हें हाल ही में पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है, लेकिन अब तक विधानसभा अध्यक्ष को इस बारे में कोई औपचारिक पत्र नहीं भेजा गया है। तेजप्रताप ने संकेत दिए हैं कि वे महुआ या हसनपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। वर्तमान में वे हसनपुर से विधायक हैं।
यह सत्र आगामी विधानसभा चुनाव से पहले का अंतिम सत्र है और 25 जुलाई तक चलेगा। ऐसे में विपक्ष इसे सरकार के खिलाफ मजबूत राजनीतिक हमला करने के मंच के रूप में देख रहा है।
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