कुटुंबा के विधायक राजेश राम बने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष
पटना/औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार विधायक रहे राजेश राम को बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उनके नाम की घोषणा की।
अनुसूचित जाति से आते हैं राजेश राम, कांग्रेस का मजबूत चेहरा
राजेश राम अनुसूचित जाति से आते हैं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं। वह पार्टी के अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं, जिससे उन्हें संगठन और विधान मंडल दोनों का लंबा अनुभव हासिल है।
पारिवारिक राजनीतिक विरासत
राजेश राम बिहार के कद्दावर नेता दिलकेश्वर राम के पुत्र हैं। उनके पिता का बिहार की राजनीति में खासा दबदबा रहा था। वे देव और ओबरा विधानसभा क्षेत्रों से कई बार विधायक रहे और बिहार सरकार में स्वास्थ्य, पशुपालन सहित विभिन्न विभागों के मंत्री पद पर भी कार्यरत रहे।
राजेश राम के अध्यक्ष बनने के पीछे कांग्रेस की रणनीति
काफी समय से चर्चा थी कि राजेश राम को बिहार कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है। कांग्रेस ने उन्हें अध्यक्ष बनाकर अनुसूचित जाति-जनजाति के बड़े वोट बैंक को साधने की रणनीति अपनाई है। 80 के दशक तक यह समुदाय कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक था, लेकिन बाद में उसने अन्य दलों की ओर रुख कर लिया।
कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक
विशेषज्ञ इसे कांग्रेस का मास्टर स्ट्रोक मान रहे हैं, क्योंकि बिहार में आगामी चुनावों के मद्देनजर पार्टी अपनी बढ़ी हुई सक्रियता के तहत मजबूत सामाजिक समीकरण बनाने की कोशिश कर रही है। राजेश राम की नियुक्ति से कांग्रेस को अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के मतदाताओं में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
कांग्रेस में नए जोश की उम्मीद
राजेश राम के नेतृत्व में बिहार कांग्रेस को नए जोश और दिशा मिलने की उम्मीद है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके नेतृत्व में पार्टी कितना मजबूत हो पाती है और आगामी चुनावों में कितना प्रभाव डालती है।
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