बिहार में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 500 अधिकारियों और कर्मियों का तबादला
शिक्षा, परिवहन, राजस्व और खनिज विभागों में व्यापक बदलाव
पटना। बिहार सरकार ने 30 जून की देर रात एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए राज्यभर में लगभग 500 अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला कर दिया। इस व्यापक फेरबदल में जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO), जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO), अंचलाधिकारी (CO) समेत कई महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारी शामिल हैं। सरकार का दावा है कि यह कदम प्रशासनिक कुशलता, पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। ऐसे समय में जब राज्य में चुनावी माहौल बन रहा है, इस बड़े स्तर पर किए गए ट्रांसफर-पोस्टिंग को प्रशासनिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।
शिक्षा विभाग में सबसे अधिक हलचल देखने को मिली, जहां 55 पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया गया। इनमें 12 जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO), 27 जिला प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण पदाधिकारी (DPTO), 13 बोर्ड प्रभारी और 11 DIET के व्याख्याता शामिल हैं। पटना में साकेत रंजन को नया डीईओ नियुक्त किया गया है, जबकि पूर्व डीईओ को दूसरे जिले में भेजा गया है। यह बदलाव शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ और कार्यकुशल बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं।
वहीं, परिवहन विभाग में भी अधिकारियों की जमकर अदला-बदली की गई है। गोपालगंज में शशि शेखरम को नया डीटीओ बनाया गया है, जबकि मधुबनी में रामबाबू और कैमूर में रवि रंजन को यह जिम्मेदारी दी गई है। रवि रंजन पहले सिवान के अतिरिक्त प्रभारी थे, जिन्हें अब स्वतंत्र रूप से कैमूर भेजा गया है। माना जा रहा है कि इन तबादलों का मकसद परिवहन व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाना और राजस्व संग्रह को सुदृढ़ करना है।
राजस्व विभाग में भी बड़ा बदलाव हुआ है। 72 अंचल अधिकारियों और 45 अन्य राजस्व कर्मचारियों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित किया गया है। इनमें से 45 अधिकारियों को प्रोन्नति दी गई है और उन्हें नए अंचलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कवि भूषण प्रसाद को पटना सिटी और विमल कुमार गुप्ता को पाटलिपुत्र अंचल का राजस्व अधिकारी बनाया गया है। वहीं विनय कुमार चौधरी को पटना के नौबतपुर अंचल का नया राजस्व अधिकारी नियुक्त किया गया है।
खनिज एवं भू-विकास विभाग में भी बदलाव की बयार चली है। 21 जिलों में खनिज विकास पदाधिकारियों की तैनाती में फेरबदल किया गया है। पटना में कार्तिकेय कुमार की जगह सर्वेश कुमार संभव को जिम्मेदारी दी गई है, जबकि गया से कार्तिकेय कुमार को सारण भेजा गया है। रोहतास में रणधीर कुमार की नई नियुक्ति की गई है। इसे खनिज संपदा के कुशल दोहन, अवैध खनन पर नियंत्रण और राजस्व संग्रह में सुधार की दिशा में रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
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