भारत-पाक तनाव के बीच बिहार के 6 जिलों में हवाई हमले से निपटने की मॉक ड्रिल, 10 मिनट के लिए अंधेरे में डूबे शहर
पटना। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर है। इसी बीच बुधवार शाम देश भर में हवाई हमले की संभावित स्थिति में नागरिकों को सतर्क करने और बचाव की तैयारी के तहत मॉक ड्रिल (पूर्वाभ्यास) का आयोजन किया गया। बिहार के 6 प्रमुख जिलों पटना, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज और बेगूसराय में यह मॉक ड्रिल बेहद सख्ती से की गई।
ठीक शाम 6:58 पर हवाई हमले की चेतावनी के तौर पर सायरन बज उठे। इसके साथ ही पूरे शहरों में बिजली काट दी गई। 7:10 बजे तक यानी पूरे 12 मिनट तक अंधेरे का अभ्यास किया गया। इस दौरान न केवल सरकारी बिजली सप्लाई बंद रही, बल्कि आम लोगों से इन्वर्टर की लाइटें भी बंद रखने और मोबाइल फोन का प्रयोग न करने की अपील की गई। सड़क पर चल रहे वाहनों को रोककर उनकी हेडलाइट बंद करवाई गई। पूर्णिया, कटिहार और पटना जैसे शहरों में आम नागरिकों ने मॉक ड्रिल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूर्णिया के आरएन साह चौक पर सायरन बजते ही डीएम, एसपी सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे और नागरिकों ने ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारों से माहौल को देशभक्ति से भर दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस राष्ट्रीय मॉक ड्रिल में भाग लेते हुए अपने सरकारी आवास पर 10 मिनट तक पूरी तरह अंधेरे में रहे। सायरन के साथ ही उन्होंने अपने स्थान से उठना बंद कर दिया और पावर सप्लाई लौटने तक उसी स्थिति में बैठे रहे। राजधानी पटना में तो सायरन बजने से पहले ही लोगों ने सजगता दिखाई। कई दुकानों और स्ट्रीट वेंडर्स ने 5–10 मिनट पहले ही अपनी लाइटें बंद कर दी थीं। पटना जंक्शन और शहर के प्रमुख स्थानों पर पूर्ण रूप से ब्लैकआउट का पालन किया गया।
कटिहार में रेलवे के दो हूटरों सहित कुल 22 स्थानों पर सायरन बजाए गए। जैसे ही सायरन गूंजा, पूरे शहर की रफ्तार थम गई। गाड़ियों की हेडलाइट से लेकर मोबाइल फ्लैशलाइट तक सब बंद हो गई। लोगों ने प्रशासन के निर्देशों का पूरी तरह पालन किया। भारतीय सेना द्वारा हाल ही में किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया गया है। यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले के 15 दिन बाद किया गया, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव चरम पर पहुंच गया है।
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